जमशेदपुर : एमजीएम अस्पताल में आउटसोर्स कर्मचारियों की हड़ताल के कारण साफ-सफाई के साथ पूरी व्यवस्था चरमरा गयी है. स्वास्थ्य विभाग ने ड्रेसर, वार्ड ब्वॉय व कई पद खत्म कर दिया है तो सफाई कर्मचारियों की संख्या घटा दी है.
अस्पताल में कुल 118 सफाईकर्मी थे, इनमें 78 कर्मचारियों को हटा दिया गया. 540 बेड के अस्पताल की सफाई सिर्फ 40 कर्मचारियों के हवाले रह गयी है. इससे सफाई का काम प्रभावित हो रहा है. वार्ड से लेकर अस्पताल परिसर में जहां-तहां कचरा पड़ा है, नालियां जाम है. सड़क पर पानी बह रहा.
इससे मरीज और डॉक्टरों तक परेशान है. एमजीएम अस्पताल के डॉक्टर भी यह मानते हैं कि यहां गंदगी का अंबार लगा है जो मरीजों के बीच संक्रमण बढ़ा सकता है. अधिक परेशानी बच्चा, गायनिक व बर्न वार्ड के मरीजों को हो सकती है. उनमें संक्रमण का अधिक खतरा होता है. नालियों के जाम रहने से मच्छरों की संख्या बढ़ी है. अस्पताल के पूर्व अधीक्षक भी गंदगी के कारण भर्ती मरीजों के बीच संक्रमण की आशंका जता चुके है.
सफाई कर्मियों की संख्या कम कर देने से अस्पताल की सफाई प्रभावित हुई है. कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के लिए विभाग को लिखा गया है, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं हो सका है.
डॉ नकुल चौधरी, उपाधीक्षक एमजीएम
एमजीएम अस्पताल से प्रतिदिन 50 से 60 किलो निकलता है कचरा
एमजीएम से प्रतिदिन लगभग 50 से 60 किलो कचरा निकलता है. सफाई कर्मचारियों द्वारा अस्पताल से निकलने वाले कचरा को परिसर के कूड़ादान में रखा जाता है, लेकिन समय पर उठाव नहीं होने के कारण यह कचरा दुर्गंध देने लगता है.
वर्तमान में 40 सफाई कर्मियों के हवाले अस्पताल सहित डॉक्टर हॉस्टल की सफाई का जिम्मा है. सफाई कर्मियों का कहना है कि कई बार अधीक्षक, डीसी सहित अन्य पदाधिकारियों से संख्या बढ़ाने का अनुरोध किया गया लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है.