जमशेदपुर: झारखंड असंगठित मजदूर यूनियन के महासचिव कॉमरेड एसके घोषाल ने भारत सरकार के श्रम सचिव व मुख्य श्रमायुक्त को पत्र लिखकर कहा है कि खदान, कारखाना, वित्तीय संस्थान, शिक्षा संस्थान, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, चिकित्सालय, केंद्र व राज्य सरकार के कार्यालय, रेलवे, पोस्टल व बीएसएनएल में 80 प्रतिशत ठेका मजदूरों से कार्य कराया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि ठेका मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी, उपाजिर्त छुट्टी, कैजुअल छुट्टी, राष्ट्रीय व धार्मिक छुट्टी नहीं दी जाती है. उन्होंने कहा कि मात्र एक वर्ष के लिए ठेकेदार को ठेका प्रतिष्ठान लाइसेंस जारी किया जाता है इससे साफ हो जाता है कि ठेका मजदूरों के नौकरी का कोई स्थायित्व नहीं है. उन्होंने उच्चतम न्यायालय के एक फैसले का जिक्र करते हुए कहा है कि ठेका प्रथा उन्मूलन व विनियमन अधिनियम में आवश्यक संशोधन किया जाये.