रेलकर्मियों का पुराना मेडिकल कार्ड होगा रद्द
जमशेदपुर : रेल कर्मियों पुराना मेडिकल कार्ड रद्द कर रेलवे नये सिरे से मेडिकल आइडेंटिटी स्मार्ट कार्ड बनाने जा रही है. दक्षिण पूर्व जोन में जल्द ही मेडिकल आइडेंटिटी स्मार्ट कार्ड बनाने का कार्य शुरू होगा. रेलवे मेंस कांग्रेस के मंडल संयोजक शशि मिश्रा ने कहा कि इससे रेल कर्मियों को फायदा होगा. रेफरल अस्पताल […]
जमशेदपुर : रेल कर्मियों पुराना मेडिकल कार्ड रद्द कर रेलवे नये सिरे से मेडिकल आइडेंटिटी स्मार्ट कार्ड बनाने जा रही है. दक्षिण पूर्व जोन में जल्द ही मेडिकल आइडेंटिटी स्मार्ट कार्ड बनाने का कार्य शुरू होगा. रेलवे मेंस कांग्रेस के मंडल संयोजक शशि मिश्रा ने कहा कि इससे रेल कर्मियों को फायदा होगा. रेफरल अस्पताल में इलाजकराने के लिए समय की बचत होगी. रेल कर्मियों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी. उन्होंने कहा कि रेल कर्मियों को कार्ड बनाने में परेशानी नहीं हो. इसके लिए मेंस कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल जल्द ही सीएमडी से मुलाकातकरेगा.
कर्मियों का कार्ड में रहेगा पूरा डिटेल:
अब तक रेल कर्मी के कार्ड पर ही उनके आश्रित का इलाज होता था. अब मेडिकल आइडेंटिटी स्मार्ट कार्ड बैंकों के एटीएम कार्ड की तरह प्लास्टिक लेमिनेटेड बना कर्मचारियों को दिया जायेगा. जिस पर कर्मचारी के साथ-साथ उसके सभी आश्रित एवं रिटायरमेंट रेल कर्मियों को अलग- अलग मिलेगा. मेडिकल स्मार्ट कार्ड में कर्मचारी और उनके आश्रित को कौन-सी बीमारी है. इसका पूरा डिटेल होगा. कार्ड देखकर कोई भी डॉक्टर मरीज की बीमारी के बारे में अासानी से जान जायेगा कि कर्मचारी को कौन- कौन सी बीमारी है. कार्ड में यूनिक नंबर के अलावा रेलवे जोन का नाम, कर्मचारी का नाम, जन्म तिथि, कार्ड की वैधता अंकित रहेगा.
रिटायरमेंट के बाद बनेगा नया कार्ड:
नौकरी से रिटायरमेंट के बाद रेल कर्मियों से कार्ड जमा लेकर पुन: नये सिरे से मेडिकल कार्ड बनाया जायेगा.
कर्मियों को देना होगा पूरा दस्तावेज:
रेल कर्मचारियों को मेडिकल आइडेंटिटी स्मार्ट कार्ड बनाने के लिए यूएमआईडी डॉट डिजिटल आईआर डॉट इन पर पहले अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा. पोर्टल पर दिये गये फार्मेट पर पूरी जानकारी देकर अपने दस्तावेज की डिजिटलाइज्ड कॉपी अपलोड करना होगा. कार्मिक विभाग रजिस्ट्रेशन और सर्टिफिकेट अपलोड करने के लिए रेल कर्मियों को ट्रेनिंग देगा.
देश के किसी भी रेलवे अस्पताल में मिलेगी इलाज की सुविधा:
मेडिकल आइडेंटिटी स्मार्ट कार्ड बनने के बाद रेल कर्मचारी और उनके आश्रित देश के किसी भी रेलवे अस्पताल और रेफर अस्पताल में इलाज करा सकेंगे. क्योंकि मेडिकल स्मार्ट कार्ड में एक यूनिक नंबर होगा. जो देश भर के रेलवे अस्पताल और रेफरल अस्पतालों में मान्य होगा.