सेंदरा वीरों को परंपरा का निर्वहन कर करना पड़ा संतोष, पहाड़ी से खाली हाथ लौटे
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दलमा सेंदरा : नहीं हुआ जंगली पशुओं का शिकार
सेंदरा वीरों को परंपरा का निर्वहन कर करना पड़ा संतोष, पहाड़ी से खाली हाथ लौटे जमशेदपुर : दलमा बुरू सेंदरा दिसुआ समिति के आह्वान पर सोमवार को तड़के सुबह सेंदरा वीरों ने शिकार खेलने के लिए पहाड़ी पर चढ़े. दलमा पहाड़ी से सटे दर्जनों गांव व पश्चिम सिंहभूम क्षेत्र के लोग सेंदरा में शामिल हुए. […]
जमशेदपुर : दलमा बुरू सेंदरा दिसुआ समिति के आह्वान पर सोमवार को तड़के सुबह सेंदरा वीरों ने शिकार खेलने के लिए पहाड़ी पर चढ़े. दलमा पहाड़ी से सटे दर्जनों गांव व पश्चिम सिंहभूम क्षेत्र के लोग सेंदरा में शामिल हुए. सेंदरा वीर सुबह से लेकर शाम तक घने जंगलों में खाक छानते रहे, लेकिन उन्हें कोई जंगली पशु नहीं मिला.
वे जंगली पशुओं का शिकार नहीं कर सके. शिकार नहीं मिलने के बावजूद भी सेंदरा वीरों के चेहरे पर परंपरा को निर्वहन करने की खुशी थी. बिना शिकार को लिये सेंदरा वीर शाम में तलहटी पर लौट आये.
कम ही लोग शिकार में पहुंचे. दो सेंदरा समिति (दलमा बुरू सेंदरा समिति-राकेश हेंब्रम गुट व दलमा बुरू दिसुआ सेंदरा समिति-फकीर चंद्र सोरेन गुट) के बीच विवाद की वजह से कम ही लोग शामिल हुए. दलमा बुरू सेंदरा दिसुआ समिति के महासचिव फकीर सोरेन ने बताया कि दलमा में दिसुआ सेंदरा वीर व पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था के प्रमुख माझी बाबा, नायके बाबा आदि की सहमति से सोमवार को सेंदरा पर्व मनाना तय हुआ था.
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