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आतंकियों का शरणदाता मौलाना कलीम तीन वर्ष बाद भी एटीएस की पकड़ से बाहर

श्याम झा, जमशेदपुर : मानगो में आतंकियों का शरणदाता आजादनगर रोड नंबर 2ए निवासी मौलाना कलीमुद्दीन मजाहिरी उर्फ मौलाना कलीम को जिला पुलिस के अलावा झारखंड एटीएस भूल चुकी है. यही कारण है कि तीन वर्ष से ज्यादा होने के बाद भी जिला पुलिस व झारखंड एटीएस उसकी तलाश नहीं कर सकी है. पुलिस सूत्रों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 27, 2019 7:35 AM

श्याम झा, जमशेदपुर : मानगो में आतंकियों का शरणदाता आजादनगर रोड नंबर 2ए निवासी मौलाना कलीमुद्दीन मजाहिरी उर्फ मौलाना कलीम को जिला पुलिस के अलावा झारखंड एटीएस भूल चुकी है. यही कारण है कि तीन वर्ष से ज्यादा होने के बाद भी जिला पुलिस व झारखंड एटीएस उसकी तलाश नहीं कर सकी है.

पुलिस सूत्रों के अनुसार मौलाना कलीम अपने घर और मदरसे में आतंकी संगठन अलकायदा के सदस्य मो. अब्दुल रहमान अली खान उर्फ मो. अब्दुल रहमान उर्फ मौलाना मंसूर उर्फ हैदर उर्फ अब्दुल हाफिज साहेब उर्फ मौलाना उर्फ कटकी को पनाह देता था. साथ ही घर व मदरसे में जिहादियों को तैयार करके संगठन से जोड़ता था. मौलाना कलीम ने ही बिष्टुपुर धातकीडीह एके रेसीडेंसी के मो. सामी को कटकी से घर में मिलवाया था, जिसके बाद वह संगठन से जुड़ा.
इसके बाद कटकी, अर्शियान व जीशान ने मिलकर मो. सामी को आतंकी ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान भेजा. मौलाना कलीम ने ही धातकीडीह रज्जाक कॉलोनी के मो. मोनू उर्फ मो. मसूद उर्फ अहमद मसूद अकरम और मानगो ओल्ड पुरुलिया रोड नंबर छह के मो. राजू उर्फ नसीम अख्तर को संगठन से जोड़ा था. पुलिस ने एक वर्ष पूर्व मौलाना कलीम के घर की कुर्की की थी. जबकि इसी मामले में मो नसीम अख्तर उर्फ राजू और मो. मोनू घाघीडीह जेल में हैं, जबकि मो. सामी दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है और मो. कटकी ओड़िशा के जेल में बंद है.
मालूम हो कि 18 जनवरी 2016 को दिल्ली की स्पेशल टास्क फोर्स ने हरियाणा के मेवाड़ से धातकीडीह के मो. सामी को गिरफ्तार किया था. मो. सामी पर आतंकी संगठन अलकायदा का सदस्य होने का आरोप था. उससे पूछताछ के आधार पर जिला पुलिस ने धातकीडीह रज्जाक कॉलोनी से मो. मोनू और मानगो आजादनगर से नसीम अख्तर उर्फ राजू को 25 जनवरी 2016 को गिरफ्तार किया था.
पुलिस ने उसके पास से पिस्तौल और आतंकी साहित्य भी बरामद किया था. मामले में बिष्टुपुर के तत्कालीन थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार ने मो. नसीम अख्तर, मो.मोनू, मो.सामी, मो. कटकी व अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी. मामले की जांच झारखंड एटीएस कर रही है. वहीं, एटीएस की एसपी विजयालक्ष्मी ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है. इससे अधिक नहीं बता सकती हूं.
एक जून को मो. सामी की कोर्ट में होगी पेशी. इधर, इस मामले में तिहाड़ जेल में बंद मो. सामी की एक जून को एडीजे 9 की कोर्ट में पेशी होनी है. संभवत: पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होगी.
चतरा के अबू सुफियान पर थी संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी
आतंकी संगठन अलकायदा का झारखंड में विस्तार करने व संगठन से लोगों को जोड़ने की जिम्मेदारी चतरा के अबू सुफियान पर थी, लेकिन झारखंड एटीएस अबू सुफियान का भी अबतक पता नहीं लगा सकी है. इसके अलावा संगठन से रांची, बेंगलुरु, गुजरात और उत्तर प्रदेश के भी कई लोग जुड़े हैं. जिसका जिक्र झारखंड एटीएस ने कोर्ट में जमा की गयी चार्जशीट में किया है.
28 संदिग्धों की भी एटीएस ने नहीं की जांच
झारखंड एटीएस ने गिरफ्तार नसीम अख्तर और मो. मोनू के 28 साथियों की सूची अपने चार्जशीट में तीन अगस्त 2016 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें मानगो आजादनगर रोड नंबर दो के मौलाना कलीम के अलावा चतरा के टंडवा निवासी अबू सुफियान, कपाली ताजनगर के मो. शाकिब, मानगो जाकिरनगर रोड नंबर 14 वेस्ट के मो. अर्शियान हैदर उसका भाई जीशान अहमद, धातकीडीह ए ब्लॉक निवासी बिलाल ताविस, मौलाना कलीमुद्दीन का बेटा हुजैफा, मानगो जाकिरनगर रोड नंबर 14 निवासी असद, धातकीडीह ए ब्लाक निवासी आदिल, कपाली ताजनगर निवासी अरशद, रांची के चान्हो के उमर उर्फ तहशीद आलम, कारी तैयब, मानगो आजादबस्ती निवासी शाकिब उर्फ शोएब शाकिब उर्फ गजाली, मो. रिजवान उर्फ हमजा, अब्दुला उर्फ मुदबीर, मौलाना महमूद, रांची नरकोपी निवासी मो. सरफराज आलम, ओसामा इमाम, बेंगलुरु निवासी अंजर शाह नुरानी, उत्तर प्रदेश के संबल दीपासराय निवासी जफर मसूद उर्फ गुड्डू, बेंगलुरु निवासी युसुफ उर्फ शाहिद फजल उर्फ सलमान, पाकिस्तान निवासी फरातुल्लाह गौरी, बेंगलुरु निवासी ताजिर पासा उर्फ शहरी भाई, उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के आसिम उर्फ खालिद, उत्तर प्रदेश के संबल निवासी मो.आसिफ उर्फ अब्दुल रसीद, बेंगलुरु निवासी डॉक्टर साबिर और गुजरात निवासी मुस्तफा लौलाल शामिल हैं.

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