ग्रेटर जमशेदपुर के लिए फंड का अभाव

जमशेदपुर : ग्रेटर जमशेदपुर के धरातल पर उतरने में प्रमुख समस्या फंड का अभाव भी होना सामने आया. 2007 में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के आदेश पर जिला प्रशासन द्वारा 149 वर्ग किमी क्षेत्र का ग्रेटर जमशेदपुर का मास्टर प्लान बनाने का करार किया था. 2010 में कंसलटेंट एजेंसी ने मास्टर प्लान जिला प्रशासन को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 24, 2019 7:21 AM

जमशेदपुर : ग्रेटर जमशेदपुर के धरातल पर उतरने में प्रमुख समस्या फंड का अभाव भी होना सामने आया. 2007 में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के आदेश पर जिला प्रशासन द्वारा 149 वर्ग किमी क्षेत्र का ग्रेटर जमशेदपुर का मास्टर प्लान बनाने का करार किया था.

2010 में कंसलटेंट एजेंसी ने मास्टर प्लान जिला प्रशासन को उपलब्ध कराया था, जिसके एवज में 1.49 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था. मास्टर प्लान के आधार पर होने वाले विकास कार्य के लिए राशि जवाहर लाल नेहरू शहरी पुनरुत्थान मिशन (जेएनएनयूआरएम) योजना से उपलब्ध करायी जानी थी.
मास्टर प्लान को नगर विकास विभाग के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया था, जिसे विभाग ने खारिज तो नहीं किया, लेकिन स्वीकृति भी नहीं दी. पुन: विस्तारीकरण के प्रजेंटेशन में फंड कहां से आयेगा, इसका उल्लेख नहीं होने के कारण तत्कालीन उपायुक्त डॉ अमिताभ कौशल समेत स्टेक होल्डरों ने इसे पारित नहीं किया था.
बाद में एजेंसी ने जापान का उदाहरण देते हुए वर्ल्ड बैंक, केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार की प्रस्तावित योजनाअों का क्रियान्वयन करने का सुझाव दिया था. आदित्यपुर को छोड़ कर जमशेदपुर के किसी नगर निकाय की निर्वाचित संस्था नहीं होने के कारण स्मार्ट सिटी, अमृत योजना या केंद्र सरकार की दूसरी योजना से फंड नहीं मिलता है.
क्या-क्या दिये गये थे सुझाव
पारडीह से बालीगुमा तक एलिवेटेड कॉरिडोर निर्माण (एनएचएआइ द्वारा डिमना चौक व पारडीह चौक पर फ्लाई अोवर बनाया जा रहा है)
कोलकाता की ट्राम सुविधा के अनुसार आधुनिक लाइट रेल ट्रांजिट के तहत तामुलिया से मानगो, साकची, बर्मामाइंस, कीताडीह, करनडीह, सुंदरनगर तक तथा धीराजगंज, आदित्यपुर, कदमा, उलियान, सोनारी, साकची, बिरसानगर, हुरलुंग होते हुए घोड़ाबांधा तक मोनो रेल सिस्टम- कोई प्रगति नहीं हुई
भुइयांडीह स्थित सुवर्णरेखा बर्निंग घाट अौर बिष्टुपुर के पार्वती बर्निंग घाट के अतिरिक्त दो श्मशान घाट -प्रगति नहीं
शहरी परिवहन व्यवस्था के सुदृढ़ करने के लिए रिंग रोड, सड़क चौड़ीकरण, अंतरराज्यीय बस पड़ाव के अलावा दो कॉरिडोर (नार्थ-साउथ तथा ईस्ट-वेस्ट) में बांट कर बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम
कॉमर्शियल सेंटर : मानगो, गोलमुरी, बारीडीह, टिनप्लेट में बनाने का प्रस्ताव-सिदगोड़ा, एग्रिको में प्रस्तावित
हाट/बाजार : आदित्यपुर समेत सात स्थानों पर जरूरत
इंटीग्रेटेड फ्रेट (एकीकृत भाड़ा) काॅम्पलेक्स : प्रस्तावित क्षेत्र में यात्रा के लिए एकीकृत भाड़ा वसूलने का सुझाव, रिंग रोड, एनएच में बड़ा बांकी पुल के पास व कंपनी क्षेत्र में काॅम्पलेक्स होने चाहिये.
इंटर स्टेट बस टर्मिनल : डिमना एनएच किनारे वसुंधरा स्टेट के नजदीक इंटर स्टेट बस टर्मिनल की योजना(योजना पर काम चल रहा है)
पब्लिक ट्रांसपोर्ट : 2027 तक 13. 7 लाख लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करेंगे ऐसा अनुमान है, रोड चौड़ीकरण अौर 20 गोलचक्कर को बड़ा व दुरुस्त करना, आदित्यपुर से जमशेदपुर(अक्षेस) के बीच सिर्फ पैदल चलने वालों के लिए पुल (शहर के 19 रोड चौड़ीकरण हो रहे हैं, कई हो चुके हैं, कई गोलचक्कर बड़े किये गये जा चुके हैं)
फ्लाई अोवर : टाटा-कांड्रा रोड अौर जुगसलाई फाटक रोड पर फ्लाई अोवर (जुगसलाई आरअोबी का निर्माण चल रहा है)
पैदल व साइकिल पथ : गोपाल मैदान से वोल्टास बिल्डिंग तक अौर दूसरे छोर में साकची बुलवर्ड रोड तक, साकची से बिष्टुपुर जाने वाले रोड, न्यू काली माटी रोड साकची बाजार क्षेत्र(पैदल चलने के लिए अधिकांश सड़कों पर फुटपाथ बने हैं, लेकिन साइकिल लेन का अभाव)
पार्किंग : साकची अौर बिष्टुपुर में मल्टी स्टोरी या अंडर ग्राउंड पार्किंग व्यवस्था- प्रगति नहीं
पेयजल की सुविधा : मानगो, जुगसलाई, आदित्यपुर में वाटर ट्रिटमेंट प्लांट व ठोस कचरा प्रबंधन-कचरा प्लांट खैरबनी में प्रस्तावित है, सीवरेज ट्रिटमेंट प्लांट: मानगो मून सिटी नाला, डिमना नाला, मोहरदा, सोनारी, कपाली, आदित्यपुर, एलआइसी कॉलोनी के पास, नारायणपुर में नदी किनारे रिवर फ्रंट अौर ग्रीन बिल्डिंग विकसित किया जाये-मानगो में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट प्रक्रियाधीन है.
कदमा : मरीन ड्राइव
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