जमशेदपुर : बागबेड़ा वृहद ग्रामीण जलापूर्ति योजना तहत निर्माणाधीन वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की जमीन को लेकर उत्पन्न विवाद की हकीकत जानने विश्व बैंक की चार सदस्यीय निरीक्षण टीम शनिवार की सुबह गिद्दीझोपड़ी स्कूल पहुंची. यहां ग्राम सभा आयोजित कर ग्रामीणों ने विश्व बैंक की टीम के सामने अपनी बात रखी. जुगसलाई ताेरोफ परगना दशमत हांसदा की अध्यक्षता में आयोजित ग्राम सभा में माझी बाबा सुखराम किस्कू ने बताया कि ग्रामीण योजना का विरोध नहीं कर रहे है बल्कि उनकी आपत्ति ट्रीटमेंट प्लांट के लिए चयनित स्थल को लेकर है.
बिना ग्रामीणों से परामर्श लिए जिला प्रशासन ने बल प्रयोग कर श्मशान घाट की जमीन पर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण शुरू करा दिया. ऐसा करने से पूर्व विश्व बैंक व जिला प्रशासन को गांव की सामाजिक व्यवस्था को जानने व समझने का प्रयास करना चाहिए था. किसी के धार्मिक स्थल पर इस तरह जबरन कार्य कराना, उनके अस्तित्व को खत्म करने जैसा है. यह विरोध अस्तित्व पर प्रहार से उत्पन्न हुआ है जो स्वाभाविक है. ग्राम सभा में गिद्दीझोपड़ी के ग्रामीण समेत मंगल माझी, माझी युवराज टुडू, दुर्गाचरण मुर्मू, धर्मराज हेंब्रम, लिटा बानसिंह, विनीत मुंडू समेत अन्य मौजूद थे.
पूर्वी घाघीडीह में पंचायत प्रतिनिधियों से भी मिले : विश्व बैंक की इंस्पेक्शन टीम गिद्दीझोपड़ी में ग्रामीणों के साथ वार्ता के बाद पूर्वी घाघीडीह पंचायत भवन में पंचायत प्रतिनिधियों से भी मिली. उनसे भी वाटर ट्रीटमेंट के मसले से बातचीत कर वस्तु स्थिति को जानने का प्रयास किया. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रविवार को टीम सारजामदा में बन रहे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का दौरा कर सकती है.