पूर्वी सिंहभूम में मात्र 292 काे पेंशन एरियर मद में तीन कराेड़ बकाया

जमशेदपुर : झारखंड वनांचल चिह्नितीकरण अायाेग का कार्यकाल आठ अगस्त काे समाप्त हाे जायेगा. पूर्वी सिंहभूम से 3936 आंदाेलनकारियों ने आवेदन जमा कराये हैं, जिनमें से महज 292 काे ही पेंशन मिलने का हकदार माना गया है. इनमें से कुछ लाेगाें काे पेंशन मिलनी शुरू हुई है, जबकि काफी लाेगाें की पेंशन बंद है. जेल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 8, 2019 6:11 AM

जमशेदपुर : झारखंड वनांचल चिह्नितीकरण अायाेग का कार्यकाल आठ अगस्त काे समाप्त हाे जायेगा. पूर्वी सिंहभूम से 3936 आंदाेलनकारियों ने आवेदन जमा कराये हैं, जिनमें से महज 292 काे ही पेंशन मिलने का हकदार माना गया है.

इनमें से कुछ लाेगाें काे पेंशन मिलनी शुरू हुई है, जबकि काफी लाेगाें की पेंशन बंद है. जेल अवधि के मुताबिक तीन हजार आैर पांच हजार रुपये प्रत्येक माह पेंशन देने का प्रावधान सरकार ने तय किया है.
झारखंड आंदाेलनकारी मंच के संयाेजक संजय लकड़ा ने बताया कि पूर्वी सिंहभूम के आंदाेलनकारियाें का तीन कराेड़ रुपये पेंशन मद में बकाया हाे गया है, जिस पर किसी तरह की चर्चा नहीं हाे रही है. आयाेग के कार्यकाल काे आठ अगस्त 2018 काे एक साल के लिए बढ़ाया गया था. चार माह बाद दिसंबर में इसका नाेटिफिकेशन हुआ था.
आयाेग के कार्यालय में फाेटाे कॉपी मशीन खराब हाेने के कारण पत्राचार का काम पूरी तरह से ठप रहा. लाेकसभा चुनाव हाेने के कारण विभागीय स्तर पर आयाेग का काम नहीं हाे पाया. आयाेग द्वारा नाेडल पदाधिकारियाें काे 50,419 लाेगाें की सूची साैंपी गयी.
नाेडल पदाधिकारियाें द्वारा आयाेग काे प्रत्यागत कराये गये 34,624 आवेदन लाैटा दिये हैं, उनके पास अब 15,795 आवेदन लंबित हैं. आयाेग के बाद अभी भी 42,589 आवेदन लंबित हैं, जिन पर किसी तरह का काेई फैसला नहीं लिया गया है.
झारखंड आंदाेलनकारी मंच के संयाेजक संजय लकड़ा ने बताया कि 42 हजार से अधिक आंदाेलनकरियाें के आवेदन इसलिए भी लंबित हैं, क्योंकि उन्हाेंने जिन चीजाें काे उल्लेख पत्र-आवेदन में किया है, उसके स्पाेर्टिंग दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराये हैं. इस कारण उन पर अभी किसी तरह का विचार नहीं किया गया है.
संबंधित आंदाेलनकारियाें काे इस संबंध में सूचित कर निर्देश दिया गया है कि वे सनहा, प्राथमिकी, जेल अवधि के कागजात, कुर्की समेत अन्य सभी सरकारी दस्तावेज जमा करायें, जिनसे यह पुष्टि हाे सके कि वे आंदाेलन का सक्रिय हिस्सा रहे हैं.

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