रांची : जमशेदपुर के सांसद सुनील महतो हत्याकांड के आरोपी नक्सली रामप्रसाद मार्डी उर्फ सचिन उर्फ पिंटू की पत्नी मीता ने एक बच्चे को जन्म दिया है. मीता भी एक सक्रिय नक्सली रही है. दोनों नक्सली कमांडर हैं. झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला के पटमदा के रहने वाले सचिन और उसकी पत्नी मीता बंगाल-झारखंड और ओड़िशा की सीमा पर गतिविधियों को अंजाम देते थे. इन्होंने हमेशा अंडरग्राउंड रहकर नक्सली वारदातों को अंजाम दिया.
पटमदा के झुंझका का रहने वाला सचिन पहली बार तब सुर्खियों में आया, जब सांसद सुनील महतो की हत्या हुई. राहुल के साथ सक्रिय नक्सली के रूप में जाने जाने वाले सचिन ने महज 14 साल की उम्र में नक्सलवाद का रास्ता चुन लिया था. वर्तमान में आकाश दस्ते में सक्रिय सचिन की आकाश उर्फ असीम मंडल से पट नहीं रही है. शायद इसी वजह से मीता इन दिनों नक्सली दस्ते से अलग रह रही है.
बताया जाता है कि पश्चिम बंगाल के लालगढ़ नक्सली आंदोलन के दौरान दोनों एक-दूसरे के करीब आये. इस प्रेमी जोड़े ने बाद में शादी कर ली. अब दोनों माता-पिता बन चुके हैं. पुलिस को कई साल से इस दंपती की तलाश है. सचिन पर पुलिस ने पांच लाख रुपये और मीता पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है. मीता की गिरफ्तारी के लिए इनाम की राशि पांच लाख रुपये करने का प्रस्ताव सरकार को पुलिस ने दिया है.
इसे भी पढ़ें : धनबाद में भीषण सड़क हादसे में दो युवकों की मौत, तीन की हालत गंभीर
उधर, सचिन के पिता अपने पोते और बेटे-बहू से मिलने की आस लगाये बैठे हैं. सचिन के पिता सनातन मार्डी को उम्मीद है कि उनका बेटा हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौट आयेगा. सनातन ने कहा, ‘मैंने भी सुना है कि सचिन और मीता को बच्चा हुआ है, लेकिन अब तक उसे देखा नहीं. यदि यह बात सच है, तो अब उन दोनों को अपने बच्चे की खातिर घर लौट आना चाहिए. दोनों को नये सिरे से अपनी जिंदगी शुरू करनी चाहिए.’
दस्ते में लोग मीता को बुलाते हैं नयनतारा, झुम्पा, परी
सचिन की पत्नी मीता को नक्सली दस्ते में नयनतारा उर्फ झुम्पा उर्फ परी के नाम से जाना जाता है. हालांकि, उसका असली नाम मीता है. वह पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिला के नंदीग्राम थाना अंतर्गत सोनाचुड़ा की रहने वाली है. लालगढ़ में नक्सली आंदोलन के दौरान सचिन से उसकी मुलाकात हुई. मुलाकात प्यार में बदली और फिर दोनों ने शादी कर ली. सचिन की वजह से ही वह दस्ते में शामिल हुई.