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जमशेदपुर : गूगल की निगरानी में लगाये 42 लाख पौधे

संदीप सावर्ण जमशेदपुर के विक्रांत तिवारी ने पौधरोपण को ही बनाया प्रोफेशन जीपीएस बता रहा पौधे का लोकेशन व स्थिति जमशेदपुर : पौधरोपण की कहानी आपने कई बार सुनी होगी, लेकिन पौधे लगाने के बाद अब उसकी डिजिटल मॉनिटरिंग भी हो रही है. पौधे के भविष्य की डोर अब गूगल के जीपीएस के हाथों में […]

संदीप सावर्ण

जमशेदपुर के विक्रांत तिवारी ने पौधरोपण को ही बनाया प्रोफेशन

जीपीएस बता रहा पौधे का लोकेशन व स्थिति

जमशेदपुर : पौधरोपण की कहानी आपने कई बार सुनी होगी, लेकिन पौधे लगाने के बाद अब उसकी डिजिटल मॉनिटरिंग भी हो रही है. पौधे के भविष्य की डोर अब गूगल के जीपीएस के हाथों में है.

जीपीएस के माध्यम से यह देखा जा रहा है कि जो पौधे लगाये गये हैं, उनकी स्थिति कैसी है. एक-एक पौधे की टैगिंग की गयी है. पौधरोपण के अलावा उसका संरक्षण भी हो, इसे ध्यान में रख कर डिजिटल मॉनिटरिंग की जा रही है. पौधे लगाने के बाद वे अगर जीवित नहीं रह पाये, तो उनके स्थान पर दोबारा नये पौधे लगाये जा रहे हैं.

यह काम एक-दो साल से नहीं, बल्कि पिछले नौ सालों से लगातार किया जा रहा है. नौ वर्षों में अब तक 42 लाख पौधे लगाये जा चुके हैं. इस कार्य में अहम भूमिका निभाया है बिष्टुपुर के विक्रांत तिवारी ने. आइआइएम कोलकाता से पासआउट विक्रांत ने पौधे लगाने को ना सिर्फ अपना पैशन, बल्कि प्रोफेशन भी बनाया है.

ग्रो ट्रीज डॉट कॉम के सीइअो हैं विक्रांत

विक्रांत ग्रो ट्रीज डॉट कॉम के ग्लोबल सीइअो हैं. ‘प्रभात खबर’ को बताया कि 2010 में ग्रो ट्रीज डॉट कॉम की शुरुआत हुई थी. इस कंपनी के जरिये भारत के 16 राज्यों के अलावा विदेशों में भी पौधे लगाने के साथ ही उसका संरक्षण भी किया जाता है.

बताया कि व्यक्तिगत स्तर पर किसी व्यक्ति का अगर जन्मदिन है अौर अगर उनके पास पौधे लगाने के लिए जगह या टाइम नहीं है, तो वे उक्त कंपनी की साइट पर जाकर एक फॉर्म भरते हैं अौर 85 रुपये देते हैं, तो उक्त व्यक्ति के नाम व फोटो के साथ एक पौधे लगाये जाते हैं. उस पौधे को जीपीएस सिस्टम से टैग किया जाता है. साथ ही उन्हें इ ग्रीन ग्रिटिंग्स प्रदान किया जाता है, जिसमें एक यूनिक नंबर रहता है. उक्त नंबर के जरिये आप देख सकते हैं कि आपके नाम के लगे पौधे की वास्तविक स्थिति क्या है.

जमशेदपुर के दलमा में लगाये 1.5 लाख पौधे

ग्रो ट्रीज डॉट कॉम की अोर से अब तक 42 लाख पौधे लगाये जा चुके हैं. विक्रांत तिवारी बताते हैं कि वे जमशेदपुर के रहने वाले हैं, इस वजह से जमशेदपुर से उनका खास रिश्ता हैं, यही कारण है कि दलमा के आसपास के क्षेत्र में अब तक करीब 1.5 लाख पौधे लगाये जा चुके हैं. लायलम पंचायत में भी पौधे लगाये गये हैं.

पौधे के माध्यम से दे रहे हैं रोजगार

विक्रांत ने कहा कि कंपनी की अोर से सिर्फ फलदार पौधे लगाये जाते हैं, ताकि उक्त पौधे की वजह से स्थानीय लोगों को रोजगार का साधन मिल सके. उन्होंने कहा कि पब्लिक प्लेस पर ही उनके जरिये पौधरोपण किया जाता है.

इसके लिए बाकायदा अनुमति ली जाती है. अनुमति मिलने के बाद वहां फलदार पौधे लगाये जाते हैं. उसकी देखरेख की जिम्मेदारी स्थानीय महिलाअों को दी जाती है. इसके एवज में उन्हें कुछ राशि प्रदान करने के साथ ही जब पौधे बड़े हो जाते हैं, तो उससे महुआ, कटहल, आम समेत अन्य फल का उत्पादन होने के बाद ग्राम पंचायत के स्तर से उसके जरिये रोजगार का भी सृजन हो रहा है.

को-अॉपरेटिव कॉलेज के छात्र हैं विक्रांत

बिष्टुपुर एन रोड के रहने वाले विक्रांत तिवारी फिलहाल मुंबई में रहते हैं. उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा जी टाउन प्राइमरी स्कूल से पूरी की है. इसके बाद आगे की शिक्षा मिसेज केएमपीएम इंटर कॉलेज व को-अॉपरेटिव कॉलेज से पूरी की. इसके बाद उन्होंने आइआइएम कोलकाता से मैनेजमेंट कर पौधरोपण व उसके संरक्षण को बतौर करियर के रूप में चुना.

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