जमशेदपुर : प्रचार करने पहुंचे सरयू के काफिले पर पथराव, हंगामा, मची भगदड़
जमशेदपुर : चुनाव प्रचार अभियान के दौरान पूर्वी जमशेदपुर के निर्दलीय प्रत्याशी सरयू राय को शनिवार को बर्मामाइंस स्थित रघुवर नगर में विरोध का सामना करना पड़ा. गाड़ी से उतर कर सरयू राय जब प्रचार करने जा रहे थे, तो वहां मौजूद लोगों ने उन्हें रोका. इसके बाद रघुवर दास और रामबाबू तिवारी के समर्थन […]
जमशेदपुर : चुनाव प्रचार अभियान के दौरान पूर्वी जमशेदपुर के निर्दलीय प्रत्याशी सरयू राय को शनिवार को बर्मामाइंस स्थित रघुवर नगर में विरोध का सामना करना पड़ा. गाड़ी से उतर कर सरयू राय जब प्रचार करने जा रहे थे, तो वहां मौजूद लोगों ने उन्हें रोका. इसके बाद रघुवर दास और रामबाबू तिवारी के समर्थन में नारेबाजी शुरू कर दी.
सरयू राय वहां से आगे बढ़े और लोगों से मिले. इसके बाद भीड़ उनके पीछे-पीछे भक्तिनगर तक पहुंच गयी. इस बीच किसी ने सरयू राय के साथ चल रहे समर्थकों की ओर पत्थर फेंक दिया. इससे पिंटू नामक युवक को चोट लग गयी. इसके बाद वहां भगदड़ मच गयी. थोड़ी देर में सरयू राय वहां से निकल गये, इसके बाद वहां काफी संख्या में साकची की ओर से युवक पहुंचे और उन्होंने सरयू राय का विरोध करनेवालों की पिटाई शुरू कर दी.
घटना की जानकारी मिलने पर बर्मामाइंस की पुलिस पहुंची. बाद में पुलिस लाइन में मौजूद अतिरिक्त पुलिस बल को रघुवर नगर व भक्तिनगर भेजा गया. बर्मामाइंस थाना प्रभारी विनोदानंद ने बताया कि इस संबंध में किसी ने भी थाने में लिखित शिकायत नहीं की है. वहीं, सोशल मीडिया पर रामबाबू समर्थकों द्वारा जारी पोस्ट के अनुसार, सरयू राय के साथ आये लोगों ने मारपीट की. पत्थरों से मारा. हेलमेट से मारा. दूसरी तरफ सरयू राय समर्थकों ने कहा कि वे लोग वहां वोट मांगने गये थे, मारपीट करना उनलागों के स्वभाव में नहीं है.
वोट मांगने और कुछ खास लोगों का महल देखने गये थे : सरयू राय
चुनाव प्रचार अभियान के दौरान रघुवर नगर वोट मांगने गये थे. विकास देखने तथा कुछ खास लोगों का महल देखने भी गये थे. यह कुछ लोगों को अच्छा नहीं लगा. रघुवर नगर में किस तरह विकास खास लोगों पर मेहरबान रहा है, इसकी झलक देखने का मौका मिला.
सीएम के खिलाफ नारेबाजी करने से रोका, तो मारपीट की : राम बाबू
भाजपा नेता रामबाबू तिवारी ने कहा कि चुनाव प्रचार के लिए रघुवर नगर पहुंचे सरयू राय के समर्थकों ने सीएम के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. लोगों ने प्रचार के तरीके का जब विरोध किया तो वे मारपीट पर उतारू हो गये.