मतदान के बाद दोस्तों संग पी चाय, वोटिंग पर की चर्चा
जमशेदपुर : जमशेदपुर पश्चिम से एआइएमआइएम प्रत्याशी रियाज शरीफ डेढ़ माह के बाद रिलेक्स संडे मनाते अपने गाेलमुरी स्थित घर में दिखे. नामांकन के बाद जहां उन्हाेंने मतदाताआें से संपर्क स्थापित करने के लिए दाैड़ लगानी शुरू कर दी थी, वहीं टिकट पाने के लिए वे लगातार एक माह रांची में आयाेजित प्रदेश की बैठकाें […]
जमशेदपुर : जमशेदपुर पश्चिम से एआइएमआइएम प्रत्याशी रियाज शरीफ डेढ़ माह के बाद रिलेक्स संडे मनाते अपने गाेलमुरी स्थित घर में दिखे. नामांकन के बाद जहां उन्हाेंने मतदाताआें से संपर्क स्थापित करने के लिए दाैड़ लगानी शुरू कर दी थी, वहीं टिकट पाने के लिए वे लगातार एक माह रांची में आयाेजित प्रदेश की बैठकाें में शामिल हाे रहे थे.
मतदान समाप्ति के बाद उन्होंने रविवार को आराम की चाय अपने कुछ खास दाेस्ताें के साथ पी. चाय पर चर्चा करते हुए उन्हाेंने कहा- उन्हें ताे अपनाें ने लूटा, गैराें में कहां दम था… रियाज शरीफ ने कहा कि वे बदलाव के लिए चुनाव मैदान में उतरे थे, न कि काेई राजनीति करने के लिए. समाज व जनता काे एक अच्छे संगठन की जरूरत थी. वह संगठन एआइएमआइएम पिछले कई माह से अपनी सक्रियता यहां बनाये हुए थे.
उनके प्रमुखाें ने चुनाव मैदान में उन्हें उतारा. वे पूरी ईमानदारी आैर सादगी के साथ चुनाव मैदान में दिन-रात मेहनत से जुटे रहे. उनके साथ कई तरह के खेल खेले गये. उनके लाेगाें काे डराया गया, धमकाया गया. जान से मारने की धमकी दी गयी.
कुछ लाेग उनके साथ डटे रहे, लेकिन कुछ लाेगाें ने इस तरह की राजनीति से खुद काे दूर ले जाने में ही फायदा समझा. उनकी समझ के अनुसार राजनीति का यह स्वरूप नहीं हाेना चाहिए. चुनाव समाप्ति के बाद उन्हाेंने जमशेदपुर पश्चिम के सभी मतदान केंद्राें पर हुई वाेटिंग के आंकड़ाें काे अपने चुनाव एजेंटाें से मिलकर एकत्र किया.
इसके बाद उन्हाेंने उन मतदान केंद्राें पर विशेष ध्यान केंद्रित किया, जाे मुस्लिम बहुल क्षेत्र में हैं. वहां के मतदान अंक आैर प्रतिशत के जाेड़-घटाव में वे उलझे रहे. चुनाव कार्याें में इस्तेमाल किये गये संसाधनाें काे लाैटाने का काम शुरू किया. चुनाव कार्यालयाें में पड़ी सामग्री काे एकत्र कर उसे प्रधान कार्यालय पहुंचा गया.