कोमल के अपहरण-हत्या में मिथिलेश और परमजीत को आजीवन कारावास

जमशेदपुर/रायरंगपुर : बिरसानगर थाना क्षेत्र के गरुड़बासा प्रकाश नगर निवासी सुदर्शन मिश्रा की बेटी कोमल मिश्रा (20) की हत्या कर शव ओड़िशा के जामडीह जंगल में फेंकने के मामले में मिथिलेश कुमार और परमजीत प्रसाद को रायरंगपुर कोर्ट ने शनिवार को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. अतिरिक्त जिला जज ने दो आरोपियों को आजीवन कैद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 22, 2019 8:09 AM

जमशेदपुर/रायरंगपुर : बिरसानगर थाना क्षेत्र के गरुड़बासा प्रकाश नगर निवासी सुदर्शन मिश्रा की बेटी कोमल मिश्रा (20) की हत्या कर शव ओड़िशा के जामडीह जंगल में फेंकने के मामले में मिथिलेश कुमार और परमजीत प्रसाद को रायरंगपुर कोर्ट ने शनिवार को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. अतिरिक्त जिला जज ने दो आरोपियों को आजीवन कैद के साथ 20 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है. मालूम हो कि 7 सितंबर 2014 को रायरंगपुर के तिरिंग थाना क्षेत्र के सिगदी गांव के समीप जामडीह जंगल से एक प्लास्टिक के बोरी से युवती का सड़ा-गला शव पुलिस ने बरामद किया था.

एक साल बाद 2 सितंबर 2015 को तिरिंग पुलिस ने युवती की शिनाख्त गरुड़बासा प्रकाशनगर निवासी कोमल मिश्रा (20) के रूप में की थी. युवती की हत्या के आरोप में टेल्को थाना अंतर्गत इंदिरा नगर निवासी मिथिलेश कुमार (30) तथा इंदिरानगर ग्वाला बस्ती निवासी परमजीत प्रसाद (26) को गिरफ्तार किया गया था.
शनिवार को अतिरिक्त जिला न्यायाधीश ने 21 गवाहों के बयान के आधार पर आरोपियों को सजा सुनायी. सुदर्शन मिश्रा की ओर से सरकारी वकील पंकज दास ने कोर्ट में पक्ष रखा. अदालत में मौजूद पिता सुदर्शन मिश्रा, मां अनिता मिश्रा ने इसे न्याय की जीत बताया. हालांकि दोनों ने कहा कि ऐसे हत्यारों को मौत की सजा होनी चाहिए.
बिरसानगर थाना में दर्ज थी कोमल के लापता होने की रिपोर्ट
वीमेंस कॉलेज में सेकेंड ईयर की छात्रा कोमल मिश्रा 30 जुलाई को कॉलेज जाने के दौरान रहस्यमय रूप से गायब हो गयी थी. देर शाम तक घर नहीं लौटने पर पिता ने बिरसानगर थाने में बेटी के गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करायी. बिरसानगर पुलिस कोमल को एक साल तक नहीं खोज पायी.
कोमल के लापता होने के पीछे मिथिलेश और परमजीत का हाथ होने की जानकारी एक साल बाद उनके मित्र अमर ठाकुर ने दी. इसके बाद सुदर्शन ने मिथिलेश और परमजीत के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी. पुलिस ने दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उन्होंने सच कबूल करते हुए हत्या कर शव को प्लास्टिक बोरा में भर कर फेंके जाने का खुलासा किया.
कपड़े और डीएनए जांच से हुई कोमल की पहचान
बिरसानगर पुलिस ने मामला सामने आने के बाद मिथिलेश और परमजीत को रायरंगपुर पुलिस को सौंप दिया था. रायरंगपुर पुलिस ने दोनों को घटना स्थल पर ले जाकर पहचान करायी. उनकी निशानदेही पर पुलिस ने शव बरामद किया. शव की पहचान नहीं हो पाने पर उसकी डीएनए टेस्ट करायी गयी. कोमल के शरीर से बरामद कपड़ों को रखा गया था. उसी के आधार पर उसकी पहचान सुदर्शन मिश्रा की बेटी कोमल मिश्रा के रूप में की गयी.
कोमल को हमेशा परेशान करते थे मिथिलेश व परमजीत
पिता सुदर्शन मिश्रा के बताया कि दोनों आरोपी बेटी कोमल को पहले से परेशान करते थे. राह चलते छेड़खानी आम बात थी. शिकायत बिरसानगर थाने में की लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. मिथिलेश कोमल से एकतरफा प्यार करता था. सुदर्शन मिश्रा ने मिथिलेश के घर जाकर कर बेटी को परेशान करने से मना किया था.
इसी बात से आक्रोशित मिथिलेश ने साथी परमजीत के साथ मिलकर काेमल का अपहरण कर हत्या करने की साजिश रची. दोनों ने कोमल की हत्या कार में ही कर दी थी. शव को बोरा में भरकर जंगल में फेंक दिया था. इसकी जानकारी उनके तीसरे साथी अमर ठाकुर को थी, जिसने एक साल बाद उसके परिवार को यह बात बतायी. इसके बाद मामले से पर्दा उठा.
रायरंगपुर अतिरिक्त जिला जज की अदालत ने मिथिलेश कुमार और परमजीत प्रसाद को सुनायी सजा
कोमल के लापता होने के एक साल बाद परिजनों को मिली थी जानकारी

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