आदित्यपुर : सरायकेला विधानसभा क्षेत्र से चुनाव में पराजित भाजपा प्रत्याशी गणेश महाली ने अपनी हार का कारण इवीएम में फेरबदल व गड़बड़ी किये जाने का आरोप लगाया है. एक्जिट पोल को देखते ही प्रशासन विपक्षी दलों से मिलकर राजनीति षडयंत्र करते हुए उन्हें हराने का काम किया है. जो वोट 2014 में मिला था, उतने ही वोट इतने साल बाद क्यों मिला, जबकि उन्होंने पांच वर्षों तक लगातार काम किया. भाजपा का गढ़ आदित्यपुर में वोट नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है. इवीएम की क्रम संख्या आदि मिलान कराने की मांग वे करेंगे.
झारखंड आंदोलन से ही राजनीति की शुरुआत करने वाले चंपई सोरेन 1991 के उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरे थे, जिसमें उन्होंने जीत हासिल की. निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल करने के पश्चात उन्होंने फिर कभी पीछे मुड़ कर नही देखा. 2014 में भाजपा प्रत्याशी गणेश महाली को महज 1100 मतों से पराजित करते हुए हैट्रिक लगायी और तीसरी बार लगातार जीत हासिल की. इस बार भी फिर से झामुमो प्रत्याशी के रूप में चंपई सोरेन मैदान में थे और भाजपा प्रत्याशी गणेश महाली को लगभग 16000 वोट से शिकस्त देकर लगातार चौथी बार विधायक बनने का गौरव हासिल किया है.