#Jharkhandelection: हार के बाद भाजपा प्रत्याशी ने कहा- इवीएम में की गयी गड़बड़ी और…

आदित्यपुर : सरायकेला विधानसभा क्षेत्र से चुनाव में पराजित भाजपा प्रत्याशी गणेश महाली ने अपनी हार का कारण इवीएम में फेरबदल व गड़बड़ी किये जाने का आरोप लगाया है. एक्जिट पोल को देखते ही प्रशासन विपक्षी दलों से मिलकर राजनीति षडयंत्र करते हुए उन्हें हराने का काम किया है. जो वोट 2014 में मिला था, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 24, 2019 2:13 PM

आदित्यपुर : सरायकेला विधानसभा क्षेत्र से चुनाव में पराजित भाजपा प्रत्याशी गणेश महाली ने अपनी हार का कारण इवीएम में फेरबदल व गड़बड़ी किये जाने का आरोप लगाया है. एक्जिट पोल को देखते ही प्रशासन विपक्षी दलों से मिलकर राजनीति षडयंत्र करते हुए उन्हें हराने का काम किया है. जो वोट 2014 में मिला था, उतने ही वोट इतने साल बाद क्यों मिला, जबकि उन्होंने पांच वर्षों तक लगातार काम किया. भाजपा का गढ़ आदित्यपुर में वोट नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है. इवीएम की क्रम संख्या आदि मिलान कराने की मांग वे करेंगे.

शुरू के आठ राउंड में भाजपा ने चार में बढ़त बनायी. मतगणना के पहले राउंड के परिणाम में झामुमो के चंपई सोरेन ने बढ़त बनायी. इसके बाद दूसरे राउंड में भाजपा के गणेश महाली को बढ़त मिली. तीसरे, चौथे व पांचवें राउंड तक श्री सोरेन आगे चल रहे थे, लेकिन छठे, सातवें व आठवें राउंड में श्री महाली ने बढ़त बना ली. इससे मतगणना केंद्र के गेट पर लगे झामुमो कैंप से उत्साह का माहौल भाजपा के खेमे में पहुंच गया. आठवें राउंड की समाप्ति तक आजसू को 4169, जेवीएम को 913, भाजपा को 51365, झामुमो को 45498, बसपा को 981, एपीआइ को 718, जदयू को 955 वोट मिल चुके थे. इसमें नोटा भी पीछे नहीं रहा. आठ राउंड में नोटा को 2577 वोट मिले थे.
झामुमो का अभेद्य किला को ढहाने में नाकाम रही भाजपा, छठी बार विधायक बने चंपई सोरेन. सरायकेला के नवनिर्वाचित विधायक चंपई सोरेन पहली बार वर्ष 1991 के उपचुनाव में बतौर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज किया था. उस चुनाव में उन्होंने तत्कालीन सांसद कृष्णा मार्डी के पत्नी मोती मार्डी को हरा कर पहली बार विधायक निर्वाचित हुए थे. झारखंड टाइगर के नाम से मशहूर चंपई सोरेन ने झारखंड आंदोलन से राजनीति में पदार्पण किया था.

झारखंड आंदोलन से ही राजनीति की शुरुआत करने वाले चंपई सोरेन 1991 के उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरे थे, जिसमें उन्होंने जीत हासिल की. निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल करने के पश्चात उन्होंने फिर कभी पीछे मुड़ कर नही देखा. 2014 में भाजपा प्रत्याशी गणेश महाली को महज 1100 मतों से पराजित करते हुए हैट्रिक लगायी और तीसरी बार लगातार जीत हासिल की. इस बार भी फिर से झामुमो प्रत्याशी के रूप में चंपई सोरेन मैदान में थे और भाजपा प्रत्याशी गणेश महाली को लगभग 16000 वोट से शिकस्त देकर लगातार चौथी बार विधायक बनने का गौरव हासिल किया है.

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