आशियाने पर चले बुलडोजर ने रघुवर के किले को किया ध्वस्त, ये हैं सरयू की जीत के कारण

विकास श्रीवास्तव जमशेदपुर: भाजपा के गढ़ को मजबूत करने वाले राज्य के मुख्यमंत्री का अपने क्षेत्र में उस बागी नेता से हार जाना, जिनका उस क्षेत्र में जनप्रतिनिधि के तौर पर कोई आधार नहीं था, इसके कई प्रमुख कारण उभर कर सामने आये हैं. रघुवर दास की हार का सबसे बड़ा कारण मालिकाना हक की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 25, 2019 11:55 AM

विकास श्रीवास्तव

जमशेदपुर: भाजपा के गढ़ को मजबूत करने वाले राज्य के मुख्यमंत्री का अपने क्षेत्र में उस बागी नेता से हार जाना, जिनका उस क्षेत्र में जनप्रतिनिधि के तौर पर कोई आधार नहीं था, इसके कई प्रमुख कारण उभर कर सामने आये हैं. रघुवर दास की हार का सबसे बड़ा कारण मालिकाना हक की बात से वादाखिलाफी व मकानों पर बुलडोजर चलाने से एक अविश्वास का माहौल का बनना रहा. क्षेत्र की जनता जिस वादे के कारण उन्हें पिछले 25 वर्षों से प्यार दे रही थी, उससे न केवल रघुवर दास मुकर गये, बल्कि बिरसानगर में बने ऐसे दर्जनों आशियाने पर बुलडोजर चलवाना, उनके खिलाफ एक मुहिम बनाता चला गया. मकानों को तोड़ना पूर्वी में भाजपा के सबसे बड़े वोट बैंक का गढ़ बिरसानगर के लोगों में डर पैदा कर दिया. 40-50 वर्षों से मकान बना कर रह रहे लोगों में भी यह भय हो गया कि कहीं उनके मकान को भी तोड़ नहीं दिया जाये.
बावजूद इसके लोगों को रघुवर के अलावा कोई चेहरा नहीं मिल रहा था, जो उनके मुकाबले बेहतर हो. इधर, चुनाव के एन वक्त सरयू राय के टिकट को काटना और उनके द्वारा पूर्वी से चुनाव लड़ने की घोषणा करना, वहां के लोगों में जैसे एक जोश ला दिया. लोग सरयू राय को जिताने के लिए काम करने लगे. इसमें वैसे लोग उभर कर सामने आये, जो भाजपा के तो थे, लेकिन वर्षों से रघुवर के खिलाफ काम करते थे. वे लोग सामने व परोक्ष रूप से सरयू राय के समर्थन में आ गये और एक संगठित पार्टी की तरह बूथ स्तर तक महज 20 दिनों में पहुंच गये और चुनाव की तैयारी कर ली. वहीं, हर एक वोटर तक पहुंचने का प्रयास सरयू राय को मतदान के पूर्व ही जीत की ओर बढ़ाता चला गया.
अंत तक यही फैक्टर सरयू राय को एक निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर विजयी बनाने में काम आया. पार्टी द्वारा ईमानदार छवि के लिए जाने जाने वाले सीटिंग विधायक को टिकट बंटवारे के अंतिम सूची के प्रकाशित होने तक प्रतीक्षा में रखना और अंतत: टिकट न देकर उन्हें अपमानित करने के कारण लोगों की भरपूर सहानुभूति सरयू राय को मिला. लोगों ने वोट के रूप में उनके माथे विजय तिलक लगा कर अपना नेता चुन लिया.
सरयू की जीत के ये भी हैं प्रमुख कारण
(जनता की राय पर आधारित रिपोर्ट)
भाजपा की कमजोर रणनीति, सरयू राय के आने के कारण पूर्वी में पार्टी में हुए टूट का मिला फायदा
हिंदूवादी सोच, संघ का साथ, सुलभ उपलब्ध व्यक्तित्व, हर वर्ग से जुड़ाव, बुजुर्ग और युवाओं का साथ विजय पथ पर बढ़ाता चला गया
अहंकारी छवि, लगातार आम लोगों से बनती दूरी व कुछ खास लोगों का खुद को विधायक का गुमान होना रघुवर के हार का कारण
लोग जिस विधायक से मिनटों में मिल लेते थे, वे सीएम बनते ही दूर होते चले गये
हर बार मालिकाना की बात करने वाले रघुवर वादा से पलटे, दर्जनों मकानों को ध्वस्त कराने से पूरे क्षेत्र में बना अविश्वास का माहौल

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