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जेपीएससी को नहीं पता अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष का नाम, परीक्षा आंसर-की में 20 गलतियां

संदीप सावर्ण जमशेदपुर : झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) ने प्रथम सीमित उपसमाहर्ता परीक्षा की उत्तरपुस्तिका (आंसर-की) जारी की है. इसमें करीब 20 प्रश्नों के उत्तर गलत हैं. इससे परीक्षार्थी ऊहापोह में हैं. साथ ही आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं. कारण है कि अक्तूबर में हुई पांचवीं सीमित उपसमाहर्ता परीक्षा में […]

संदीप सावर्ण
जमशेदपुर : झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) ने प्रथम सीमित उपसमाहर्ता परीक्षा की उत्तरपुस्तिका (आंसर-की) जारी की है. इसमें करीब 20 प्रश्नों के उत्तर गलत हैं. इससे परीक्षार्थी ऊहापोह में हैं. साथ ही आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं. कारण है कि अक्तूबर में हुई पांचवीं सीमित उपसमाहर्ता परीक्षा में जो सवाल पूछे गये थे, उसी में से 20 सवाल हू-ब-हू इस परीक्षा में भी पूछे गये.
गौरतलब है कि प्रथम सीमित उपसमाहर्ता परीक्षा तीन जनवरी को हुई थी. इस परीक्षा में 50 सीटों के लिए राज्य के कुल 2053 परीक्षार्थियों ने हिस्सा लिया था.
तीन जनवरी को हुई थी परीक्षा, शामिल हुए थे 2053 परीक्षार्थी
आंसर-की में की गयी गलतियों की बानगी देखिए
Qएक नयी अखिल भारतीय सेवा की शुरुआत कैसे की जा सकती है?
जेपीएससी का जवाब : कार्यकारी आदेश से इसकी शुरुआत की जा सकती है.
सही जवाब : एक नयी अखिल भारतीय सेवा की शुरुआत संविधान के अनुच्छेद 312 के तहत एक प्रस्ताव से हो सकती है.
Qराष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के वर्तमान अध्यक्ष कौन हैं?
जेपीएससी का जवाब :
नसीम अहमद
सही जवाब : राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के वर्तमान अध्यक्ष सैयद गय्यूर उल-हसन रिजवी हैं. नसीम अहमद रिटायर हो चुके हैं.
Qआदिम जनजाति डाकिया योजना के अंतर्गत क्या वितरित किया जाना है?
जेपीएससी का जवाब : जीवन रक्षक अौषधि किट.
सही जवाब : इस योजना के अंतर्गत आदिम जनजातियों के प्रति परिवार के बीच डाकिया द्वारा प्रति माह 35 किलो अनाज का वितरण किया जाना तय किया गया है.
सही उत्तर चुनें सेक्शन में एक सवाल था कि इंडिगो विद्रोह 1875 में हुआ था, इसे जेपीएससी ने सही करार दिया है. जबकि इंडिगो विद्रोह 1859 में हुआ था.
20 जनवरी तक कर सकते हैं दावा-आपत्ति
झारखंड लोक सेवा आयोग की अोर से 10 जनवरी को ही प्रथम सीमित उपसमाहर्ता परीक्षा का आंसर की जारी किया गया है. इस आंसर की में अगर किसी प्रकार की कोई त्रुटि परीक्षार्थियों को समझ आती है, तो वे 20 जनवरी तक दावा-आपत्ति कर सकते हैं. परीक्षार्थियों की अोर से किये गये दावा-आपत्ति पर अायोग की अोर से विचार करने के बाद नये सिरे से फाइनल आंसर की जारी की जायेगी.
13 साल के लंबे इंतजार के बाद हुई है परीक्षा
वर्ष 2005 में प्रथम सीमित उपसमाहर्ता परीक्षा का फार्म भरा गया था. परीक्षा 2006 में हुई थी. इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत हुई. निगरानी ने जांच की, जिसके बाद परीक्षार्थी हाइकोर्ट की शरण में गये. कोर्ट के निर्देश पर 13 साल बाद जेपीएससी यह परीक्षा ले रही है. इसमें वे परीक्षार्थी शामिल हुए, जो पांच साल सरकारी सेवा कर चुके हैं. सफल उम्मीदवार इंटरव्यू के बगैर डिप्टी कलक्टर की श्रेणी में बहाल होंगे.

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