जमशेदपुर : सहज उपलब्ध रहना ही असली ताकत है बन्ना की
संदीप सावर्ण जमशेदपुर : बन्ना गुप्ता का सहज व सरल स्वभाव ही उनकी ताकत है. उन्होंने कहा कि चुनाव हारने के बाद वे टूट कर घर में बैठने के बजाय हर दिन जनता के बीच रहे. जनता को दूसरों की अपेक्षा उनसे उम्मीदें ज्यादा है. क्षेत्र की पानी, बिजली, सड़क, सफाई, स्वास्थ्य समस्या से लेकर […]
संदीप सावर्ण
जमशेदपुर : बन्ना गुप्ता का सहज व सरल स्वभाव ही उनकी ताकत है. उन्होंने कहा कि चुनाव हारने के बाद वे टूट कर घर में बैठने के बजाय हर दिन जनता के बीच रहे. जनता को दूसरों की अपेक्षा उनसे उम्मीदें ज्यादा है. क्षेत्र की पानी, बिजली, सड़क, सफाई, स्वास्थ्य समस्या से लेकर पुलिसिया जुल्म के खिलाफ क्षेत्र की जनता के बीच रहे. पुलिस की लाठी ने बनाया नेता : बन्ना गुप्ता ने 1987 में सार्वजनिक जीवन में कदम रखा.
उन्होंने युवा संघर्ष समिति नामक एक संस्था बनायी, जो कदमा क्षेत्र की जनसमस्याअों को लेकर सक्रिय थी. वर्ष 1990 में करनडीह में विद्युत कार्यालय का घेराव किया गया. उस दौरान पुलिस ने लाठी चार्ज किया. बाद में धीरे-धीरे राजनीतिक रूप से सक्रिय हुए. बन्ना गुप्ता सबसे पहले समाजवादी जनता पार्टी, फिर झामुमो उसके बाद समाजवादी पार्टी अौर अंत में कांग्रेस पार्टी से जुड़े. कांग्रेस के टिकट पर ही पहली बार विधायक व मंत्री बने.
पिता ने शुरू किया था चाय-सिंघाड़ा का होटल : मंत्री बन्ना गुप्ता के पिता स्व राम गोपाल गुप्ता का कदमा में अपना होटल था. वे होटल में चाय व सिंघाड़ा बेचते थे. इसी होटल की आमद से बन्ना समेत अन्य बेटों को पढ़ाया.
सबसे बड़े भाई डॉ सतीश गुप्ता को मेडिकल की पढ़ाई करवा कर डॉक्टर बनवाया. बन्ना गुप्ता शुरू से ही अलग-अलग संगठन बना कर समाजसेवा करते रहे.
पूजा-पाठ कर रांची के लिए निकले
बन्ना गुप्ता को मंत्री बनाये जाने की जानकारी सोमवार की देर रात मिली. उन्हें इसकी जानकारी झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह ने दी. इसके बाद अन्य प्रक्रिया पूरी करने के लिए मंगलवार की सुबह करीब नौ बजे वे पूरे परिवार के साथ रांची के लिए रवाना हुए. इससे पूर्व उन्होंने घर में अपने माता-पिता के साथ ही ईश्वर की आराधना की. गौ सेवा भी की. बन्ना गुप्ता अपने लाल रंग की लकी टाटा सूमो को भी साथ लेकर रांची गये.
गरीबों का दर्द क्या होता है, जानता हूं
विधायक बन्ना गुप्ता ने मंगलवार को मंत्री पद की शपथ लेने के बाद प्रभात खबर से खास बातचीत की. श्री गुप्ता ने कहा कि मैं जनता को विश्वास दिलाता हूं कि मैं अपने किसी भी कृत्य से शर्मिंदगी महसूस नहीं होने दूंगा. मैं दूसरी बार मंत्री बना हूं. बतौर मंत्री पिछली बार मात्र चार महीने काम करने को मिले. इस बार ज्यादा अवसर मिलेगा. जो भी विभाग मिलेगा, सुनिश्चित करूंगा कि अंतिम व्यक्ति तक सरकारी योजनाअों का लाभ मिले. गरीबों का दर्द क्या होता है जानता हूं .
अब जब मंत्री बन गया
हूं तो क्षेत्र के साथ-साथ पूरे राज्य की जनता की समस्या मेरी समस्या होगी. मेरा मानना है कि जिस समाज में शांति होती है वहां भगवान होते हैं. मौजूदा दौर में भाजपा ने भाई-भाई के बीच विवाद पैदा किया है, राज्य में अमन -शांति के साथ ही रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, विधि-व्यवस्था ठीक करने से लेकर क्षेत्र की बिजली, पानी, सफाई समेत हर समस्या दूर की जायेगी.
पार्टी ने सम्मान दिया: श्री गुप्ता ने उन्हें ही मंत्री बनाये जाने के मुद्दे पर कहा कि कांग्रेस में त्याग अौर बलिदान की परंपरा रही है. पार्टी ने एक चाय -सिंघारा बेचने वाले के बेटे को दो-दो बार टिकट दिया. दोनों बार मंत्री तक बनवा दिया, इससे ज्यादा क्या सम्मान चाहिए. पार्टी के सभी वरीय नेताअों से लेकर एक-एक कार्यकर्ता ने मुझ पर भरोसा जताया है.
कोई मुश्किल नहीं होगा : गठबंधन सरकार में सामंजस्य के मुद्दे पर श्री गुप्ता ने कहा कि सामंजस्य में कोई मुश्किल नहीं होगा. आपने देखा होगा कि किस प्रकार तीनों पार्टियां मजबूती के साथ चुनाव लड़ीं.
कांग्रेस व राजद ने भी हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया. मिल बैठ कर डेवलपमेंट का फ्रेमवर्क तैयार किया जायेगा. कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत कार्य करेंगे. विभाग का बंटवारा होने के बाद हर जिले में विकास कार्यों की समीक्षा की जायेगी. झारखंड गरीब नहीं है. सही दिशा में कार्य करने की इच्छा शक्ति नहीं रहने के कारण जनता गरीब रह गयी.