6 साल की उम्र में लगा चेस का चस्का, जिसने विश्व चैंपियन बना दिया, सफलता के लिए अभ्यास जरूरी

जमशेदपुर : भारत के सबसे कामयाब शतरंज खिलाड़ी पांच बार के वर्ल्ड चैंपियन विश्वनाथन आनंद शनिवार को अपनी किताब ‘माइंड मास्टर’ के प्रमोशन के सिलसिले में जमशेदपुर में थे. टाटा स्टील की ओर से आयोजित लिटरेरी मीट के तहत युवा शतरंज खिलाड़ियों और फैन से मिले. बेल्डीह क्लब के मुख्य हाॅल में आयोजित इस कार्यक्रम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 9, 2020 2:14 AM

जमशेदपुर : भारत के सबसे कामयाब शतरंज खिलाड़ी पांच बार के वर्ल्ड चैंपियन विश्वनाथन आनंद शनिवार को अपनी किताब ‘माइंड मास्टर’ के प्रमोशन के सिलसिले में जमशेदपुर में थे. टाटा स्टील की ओर से आयोजित लिटरेरी मीट के तहत युवा शतरंज खिलाड़ियों और फैन से मिले.

बेल्डीह क्लब के मुख्य हाॅल में आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने अपने जीवन से जुड़ी कई यादें साझा कीं.
उन्होंने कहा, जब वह छह साल के थे, तो उन्हें चेस खेलने का चस्का लगा. क्योंकि, उनके घर में अंकल, ग्रैंड फादर चेस खेलते थे. इसके बाद उनकी मां ने एक चेस क्लब की तलाश शुरू की, जो उनकी बहन के कॉलेज के पास ही था. इसके बाद वहां चेस सीखने लगा.
इसी बीच उनके पिता फिलिपींस चले गये और उनका परिवार भी वहां चला गया, जहां 70 के दशक में टीवी पर आने वाले एक चेस शो के पजल को सॉल्व कर चर्चा में आये. जब वह स्कूल जाते, तो उनकी मां उन पजल को टीवी में देखकर लिखती थीं, बाद में वह इसे सॉल्व करते थे.
उन्होंने कहा कि फिलिपींस के यूजिन टोरे उस समय एक महान चेस खिलाड़ी थे, जिनसे काफी प्रेरणा मिली. इसके बाद आनंद जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतकर एशिया के पहले खिलाड़ी बने. उन्होंने चेस में रशिया के दबदबे का भी जिक्र किया. साथ ही विश्व चैंपियनशिप के एक मैच को सबसे कठिन बताया. उन्होंने अपनी पत्नी का जिक्र करते हुए कहा कि उनके कॅरियर के निर्माण में उनकी मिसेज का बड़ा योगदान है. वह काॅट्रैक्ट व अन्य चीजों को हैंडल करती है.
सफलता का कोई शॉर्ट कट नहीं, निरंतर अभ्यास करें
विश्वनाथन आनंद ने युवाओं को टिप्स भी दिये. सलाह देते हुए कहा कि जिंदगी में कामयाब होने का कोई शाॅर्टकट नहीं है. आपको निरंतर अभ्यास करना होगा. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि खेल में कॅरियर हमेशा से ही जोखिम भरा रहा है. वास्तव में आज के दौर में हर क्षेत्र में जोखिम है. इसलिए आप वह करें, जो आप करना चाहते हैं. उन्होंने युवाओं को गुरुमंत्र देते हुए कहा कि आप अपनी कमजोरी को पहचाने और उसपर काम करें.

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