Mahashivaratri Shobha Yatra 2020: यहां निकलेगी भव्य शिव बारात, नाचेंगे भूत-प्रेत, पिशाच, सांप, बिच्छू…

जमशेदपुर: Mahashivaratri Bhavy Shiv Shobha Yatra – 21 फरवरी को महाशिवरात्रि है. मंदिरों में भगवान की विशेष पूजा होती है. रात्रि में माता पार्वती संग भोलेदानी का विवाह होगा. आकर्षक झांकी के साथ मंदिरों से शिवजी की बारात निकलती है. प्राय: हर समाज में महाशिवरात्रि धूमधाम से मनायी जाती है. रेत पर होगा गरबा : […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 20, 2020 9:30 AM

जमशेदपुर: Mahashivaratri Bhavy Shiv Shobha Yatra – 21 फरवरी को महाशिवरात्रि है. मंदिरों में भगवान की विशेष पूजा होती है. रात्रि में माता पार्वती संग भोलेदानी का विवाह होगा. आकर्षक झांकी के साथ मंदिरों से शिवजी की बारात निकलती है. प्राय: हर समाज में महाशिवरात्रि धूमधाम से मनायी जाती है.

रेत पर होगा गरबा : गुजराती समाज में इस अनुष्ठान को अनोखे अंदाज में मनाया जाता है. समाज के गुणवंत परीख बताते हैं कि भगवान शिव के सहस्र नाम का जाप होता है. इसलिए सहस्र बेल पत्र चढ़ाये जाते हैं. वे बताते हैं कि गुजरात में प्राय: शिव मंदिर नदी किनारे हैं. मंदिर में भगवान की पूजा चलती रहती है. नदी किनारे रेत पर किसान अनूठे स्टाइल में गरबा खेलते हैं. चकरी मारकर बैठते और उठते हैं. शिव-पार्वती की संक्षिप्त कथा होती है. उन्होंने कहा कि यहां जलाराम कुटीर में पूजा होगी. आरती के बाद सुबह नौ बजे से रुद्राभिषेक शुरू हो जायेगा. इसमें 64 यजमान शामिल होंगे.

मंदिर में कम, घर में अधिक होती है पूजा
मराठी समाज में महिलाएं प्राय: अपने-अपने घरों में ही भगवान शिव की पूजा करती हैं. समाज की शिल्प शाने बताती हैं कि हर घर में शिव का पिंड होती है. शादी में सभी लड़की को मायके से शिव का पिंड दिया जाता है. उपवास रखकर महिलाएं भगवान शिव की पूजा करती हैं. वह बताती हैं महाराष्ट्र में मंदिर में जाकर पूजा करने का चलन बहुत कम है. जिन्होंने मन्नत मांगी है, वही मंदिर जाती हैं, लेकिन प्राय: घर में पूजा होती है. एक-दूसरे के घर में जुटकर सभी भजन-कीर्तन करती हैं.

श्री श्री साकची शिव मंदिर से निकलेगी बारात : श्री श्री साकची शिव मंदिर के उमेश शाह बताते हैं कि शिवरात्रि को शाम साढ़े चार बजे मंदिर से शिव की बारात निकलेगी. इसमें एक तरफ भूत-प्रेत, पिशाच, सांप, बिच्छू होंगे, तो दूसरी ओर साधु महात्माओं की टोली रहेगी. गाजे-बाजे के साथ साकची बाजार में बारात घूमेगी. इसमें स्थानीय कलाकार भाग लेंगे.

महिलाएं नया कपड़ा पहनकर करती हैं पूजा
छत्तीसगढ़ी समाज में दिनभर पूजा होती ही है, रात में विशेष पूजा होती है. समाज की देवकी साहू बताती हैं कि शाम में महिलाएं नया कपड़ा पहनकर मंदिर में पूजा करती हैं. नेपाली समाज के अध्यक्ष रामनारायण बताते हैं कि वे भगवान पशुपति नाथ की पूजा करते हैं. नेपाली समाज में भगवान का अलौकिक शृंगार दर्शनीय होता है. राम मंदिर बिष्टुपुर के महासचिव दुर्गा प्रसाद बताते हैं कि महाशिवरात्रि को हर मंदिर में रुद्राभिषेक होना जरूरी है.

दिन भर शिव स्मरण करते हुए मौन रहने का करें प्रयास
जमशेदपुर. फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष की प्रदोष व्यापिनी एवं निशीथव्यापिनी चतुर्दशी तिथि शुक्रवार 21 फरवरी को होने के कारण इसी दिन महाशिवरात्रि व्रत है. आचार्य एके मिश्र ने बताया कि उक्त तिथि को व्रती प्रात: काल स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें. दिन भर शिव स्मरण करते हुए मौन रहने का प्रयास करें. संध्याकाल से पूर्व पुन: स्नान करके शिवालय मे जाकर पूर्व या उत्तराभिमुख होकर गंगाजल या स्वच्छ जल, गौ दुग्ध, दही, मधु, गौ घृत, ऋतु पुष्प व फल, बिल्व पत्र, धतूरे के पुष्प, धूप, दीप एवं अन्य पूजन सामग्री से रात्रि के प्रथम प्रहर में पहली, द्वितीय प्रहर में दूसरी, तृतीय प्रहर में तीसरी और चतुर्थ प्रहर में चौथी पूजा पंचोपचार, षोड़शोपचार या राजोपचार जिस विधि से बन सके समान रूप से रुद्रपाठ करना चाहिए. इस प्रकार पूजन करने से पूजा, जागरण और उपवास सभी संपन्न हो जाते हैं.

आंध्र भक्त श्रीराम मंदिरम का पट सुबह से ही खुल जायेगा
आंध्र भक्तश्रीराम मंदिरम बिष्टुपुर में महाशिवरात्रि के अवसर पर शुक्रवार की सुबह से ही भक्तों के लिए मंदिर का पट खोल दिया जायेगा. मंदिर कमेटी के महासचिव एस दुर्गा प्रसाद ने बताया कि सुबह साढ़े छह बजे से रात नौ बजे तक मंदिर का पट खुला रहेगा. रात नौ बजे के बाद रूद्राभिषेक शुरू किया जायेगा. मंदिर परिसर में थर्मोकोल का भव्य भोले शंकर की झांकी बनायी जायेगी.

बारात में होगी 51 फीट की कांवर
श्री शिवशक्ति परिवार की ओर से 23 फरवरी को राम मंदिर टेल्को से बारात निकाली जायेगी. महासचिव कैलाशी विजय शर्मा बताते हैं कि परिवार की ओर से निकलने वाली शिव की बारात खास होती है. इसमें 51 फीट की कांवर आकर्षण का केंद्र रहेगी. दोपहर दो बजे शिव की बारात निकलेगी. इसमें महाकाल की पालकी, अयोध्या की झांकी, कैलाश पर्वत की झांकी, तिरुअनंतपुरम में स्थापित शिवलिंग की झांकी रहेगी. साथ ही इशु महादेव एंड अघोरी टीम द्वारा शिव पार्वती तांडव आकर्षण का केंद्र रहेगा. रात्रि नौ बजे से वरमाला-जयमाला कार्यक्रम होगा.

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