पिछले साल डूबे थे, इस साल भी डूबेंगे

जमशेदपुर: मानसून सिर पर है, लेकिन बरसात का पानी और उससे होने वाली परेशानियों से निबटने के उपाय अभी तक निकाय नहीं कर पाये हैं. आर्थिक तंगी, संसाधन की कमी के कारण निकाय की व्यवस्था लचर है, वहीं इस बार भी निकायों के सारे दावे कागजों पर ही दुरुस्त हैं. हकीकत इससे कोसों दूर है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:47 PM

जमशेदपुर: मानसून सिर पर है, लेकिन बरसात का पानी और उससे होने वाली परेशानियों से निबटने के उपाय अभी तक निकाय नहीं कर पाये हैं. आर्थिक तंगी, संसाधन की कमी के कारण निकाय की व्यवस्था लचर है, वहीं इस बार भी निकायों के सारे दावे कागजों पर ही दुरुस्त हैं. हकीकत इससे कोसों दूर है. पिछले साल बारिश के पानी में डूबे इलाकों में बचाव की तैयारियों का ‘प्रभात खबर’ की टीम ने सोमवार को जायजा लिया.

सड़कों पर जल -जमाव रोकने के उपाय नहीं
शहर के सड़कों पर होने वाले जल जमाव से निजात दिलाने के लिए इस साल भी कोई व्यवस्था नहीं की गयी है. एमजीएम अस्पताल के पास, हावड़ा ब्रिज साकची, मिनी बस स्टैंड के पास, टिनप्लेट चौक, मानगो पुल, न्यू बारीडीह जैसे सड़कों पर जल जमाव रोकने के कोई उपाय नहीं किये गये हैं.
जिम्मेवार कौन त्नबारिश के पहले नालों की सफाई का जिम्मा निकायों का था. ज्यादातर बड़े नालों की सफाई अब तक नहीं हो पायी है. नाले गंदगी, प्लास्टिक के कचरे से अभी भी जाम हैं.

जागे भी तो देर से
निकायों की ओर से अब नालों और नालियों की सफाई शुरू की गयी है. ऐन बारिश से पहले निकायों की सक्रियता पर सवाल उठ रहे हैं. हालांकि आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जिला प्रशासन को मानसून के पूर्व ही तैयारी करने का निर्देश दिया था.

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