लुप्त हो रहे हैं ‘घोड़ा-हाथी’ फोटो मनमोहन

लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर दीपावली के मौके पर तरह-तरह की मिठाइयों के बीच हाथी-घोड़ा मिठाई की पूछ कम हो रही है. इसे बस परंपरा निभाने के लिए लोग थोड़ा खरीद ले रहे हैं. पहले जहां लोग एक किलो खरीदते थे आज पाव भर में काम चला ले रहे हैं. इसकी जगह अन्य मिठाई ने ले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 22, 2014 11:03 PM

लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर दीपावली के मौके पर तरह-तरह की मिठाइयों के बीच हाथी-घोड़ा मिठाई की पूछ कम हो रही है. इसे बस परंपरा निभाने के लिए लोग थोड़ा खरीद ले रहे हैं. पहले जहां लोग एक किलो खरीदते थे आज पाव भर में काम चला ले रहे हैं. इसकी जगह अन्य मिठाई ने ले ली है. साकची स्थित हाथी-घोड़ा मिठाई बेचने वाले एस पॉल ने बताया कि इस मिठाई को पसंद करने वालों की संख्या हर साल कम हो रही है. पहले की तुलना में बिक्री कम होने के कारण इस मिठाई को कम ही बनाया जा रहा है.कम करते हैं लोग पसंद घोड़ा-हाथी की मिठाई चीनी की बनी होती है. जिसको अधिकतर लोग पसंद नहीं करते. इसके चलते भी इसकी बिक्री बहुत कम हो गयी है. एक नजर में शहर में दुकानों की संख्या150 सामान की कीमतपहलेअभी कोयला300 से 4001200 रुपया क्विंटल लेबर पेमेंट10004000 चीनी30003600 रुपया क्विंटल रंग300 से 4001000 रुपये किलोमिठाई की कीमतपहले50 से 150 रुपया किलोअभी150 से 250 रुपया किलोसिटी में पहले हाथी घोड़ा मिठाई की बिक्री होती थी- 4 से 5 क्विंटलअभी हो रहा है- एक क्विंटल

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