– एमजीएम में हुए सेमिनार में शामिल हुए सीनियर व जूनियर चिकित्सक- ऐसी शिकायत होने पर बच्चे को सकती है जीइआरडी संवाददाता, जमशेदपुरबच्चों में उल्टी, पेट दर्द, रात में नींद खुल जाना, भोजन ठीक से नहीं करना, सांस लेने में परेशानी और सीने में जलन व दर्द जैसी शिकायत होने पर गैस्ट्रो इसोफेजियल रिफ्लक्स डिजीज (जीइआरडी) हो सकती है. उक्त बातें शनिवार को एमजीएम अस्पताल के आर्थो वार्ड में आयोजित सेमिनार में डॉक्टर के के चौधरी ने कही. उन्होंने कहा कि नवजात शिशुओं व छोटे बच्चों में फास्ट फूड, दूषित भोजन करने और भोजन ठीक से नहीं पचने के कारण यह बीमारी हो सकती है. इस बीमारी में पेट फूलना, पेट दर्द आदि की शिकायत होती है. डॉ चौधरी ने सेमिनार में उपस्थित डॉक्टरों को इस बीमारी से ग्रसित मरीजों की जांच और इलाज के संबंध में विस्तार से बताया. सेमिनार में मुख्य रूप से डॉ वीरेंद्र कुमार, डॉ मोहन कुमार सहित कई सीनियर व जूनियर डॉक्टर मौजूद थे. जीइआरडी से ग्रसित बच्चों को क्या देंछोटे बच्चों को बाहर का दूध नहीं पिलाना चाहिए. मां का ही दूध पिलाये. बच्चे के सिर ऊंचा कर रखें. अगर बाहर का दूध देना हो, तो उसमें थोड़ा सा भात मिलाकर गाढ़ा कर लें, उसके बाद पिलायें. गाय का दूध किसी भी अवस्था में न दें. बच्चे को डॉक्टर को दिखायें.
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बच्चे का पेट फूलने व दर्द होने पर डॉक्टर को दिखायें फोटो मनमोहन 7
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– एमजीएम में हुए सेमिनार में शामिल हुए सीनियर व जूनियर चिकित्सक- ऐसी शिकायत होने पर बच्चे को सकती है जीइआरडी संवाददाता, जमशेदपुरबच्चों में उल्टी, पेट दर्द, रात में नींद खुल जाना, भोजन ठीक से नहीं करना, सांस लेने में परेशानी और सीने में जलन व दर्द जैसी शिकायत होने पर गैस्ट्रो इसोफेजियल रिफ्लक्स डिजीज […]

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