कुरबानी देकर इसलाम को बचाये रखा (दुबेजी देंगे फोटो)

उपमुख्य संवाददाता, जमशेदपुर साकची (एल टाउन) हुसैनी मिशन के तत्वावधान में मुहर्रम पर आयोजित मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना सैय्यद अमीन हुसैन ने कहा कि नेकी का काम युगों-युगों तक याद रखा जाता है. करबला में तीसरे दिन के वाकया को फरमाते हुए मौलाना हुसैन ने कहा – इमाम हुसैन ने फरमाया कि वे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 28, 2014 11:03 PM

उपमुख्य संवाददाता, जमशेदपुर साकची (एल टाउन) हुसैनी मिशन के तत्वावधान में मुहर्रम पर आयोजित मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना सैय्यद अमीन हुसैन ने कहा कि नेकी का काम युगों-युगों तक याद रखा जाता है. करबला में तीसरे दिन के वाकया को फरमाते हुए मौलाना हुसैन ने कहा – इमाम हुसैन ने फरमाया कि वे एक विचारधारा (आइडियल) हैं, जिसे लोग युगों-युगांे तक याद करेंगे. इमाम हुसैन ने इस दौरान वाक्यों को उसी तरह फरमाया, जिस तरह उनके नाना के लिए कुरान में फरमाया गया है. वे दुनिया को बता रहे थे कि हुसैन मुझसे हैं और मैं हुसैन से हूं. नाना के दीन को जब जबरन मिटाया जा रहा था तो उन्होंने कहा कि वे अपनी कुरबानी दे देंगे, लेकिन उनके दीन को कभी नहीं मिटने देंगे. इतिहास गवाह है, उन्हांेने जो कहा, उसे पूरा किया. अपनी कुरबानी देकर इसलाम को बचाये रखा. इसलिए यह कहा जाता है कि इसलाम जिंदा होता है, हर करबला के बाद. इनसान को हमेशा नेकियों के लिए काम करना चाहिए. उसे यह परवाह नहीं करनी चाहिए कि इसका बाद क्या होगा. नेकियां करनेवालों को उसका फल नेकियों में ही मिलता है. इस अवसर पर हुसैनी मिशन के अध्यक्ष एसआर ए रिजवी छब्बन, ए हैदर, मुनीर, खुर्शीद मेहंदी, सादिक अली, मुनीर हुसैन, अख्तर हुसैन, हसन हैदर, डॉन, जाफर, शाहिद, अफसर के अलावा कई लोग मौजूद थे.

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