इसलिए पवित्रता का रहता है ख्याल

छठ पर्वलाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर मां गंगा, सूर्य देव और चंद्रमा ये तीनों प्रत्यक्ष देवी-देवता माने गये हैं. इनमें सूर्य सबसे प्रचंड, प्रभावशाली और उग्र देवता के रूप में प्रतिष्ठित हैं. मान्यता है कि उनकी पूजा-अर्चना में किसी प्रकार की भूल नहीं रहती. इसलिए उनकी पूजा-अर्चना में ऐसी कोई चीज या आचरण, जिससे अपवित्रता आती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 28, 2014 11:03 PM

छठ पर्वलाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर मां गंगा, सूर्य देव और चंद्रमा ये तीनों प्रत्यक्ष देवी-देवता माने गये हैं. इनमें सूर्य सबसे प्रचंड, प्रभावशाली और उग्र देवता के रूप में प्रतिष्ठित हैं. मान्यता है कि उनकी पूजा-अर्चना में किसी प्रकार की भूल नहीं रहती. इसलिए उनकी पूजा-अर्चना में ऐसी कोई चीज या आचरण, जिससे अपवित्रता आती हो, सहन नहीं की जा सकती. बढ़ती गयी सूर्य के प्रति आस्था वैसे भी, धरती पर पर्दापण के बाद मनुष्य को सबसे प्रभावशाली एवं हितैषी नक्षत्र सूर्य के रूप में ही मिला. कालांतर में उसने अनुभव से भी यह पाया कि मनुष्य के भोज्य पदार्थों के उत्पन्न होने से लेकर पोषण तक में सूर्य की अहम भूमिका है. समुद्र के खारे पानी पीने योग्य बनाने का श्रेय भी उन्हीं को जाता है. ऐसे में सूर्य के प्रति लोगों की आस्था, श्रद्धा और विश्वास में वृद्धि होती गयी. सभ्यता के विकास में सूर्य देव के लिए जन मानस में बढ़ती गयी आस्था एवं श्रद्धा का प्रतिफल ही है सूर्य की पूजा. कभी पूरे विश्व में बसी आर्य जातियां सूर्य को देव के रूप में पूजती रही हैं. यह अलग बात है कि सूर्योपासना का पर्व छठ सिर्फ झारखंड, बिहार एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ भागों में ही अधिक देखने को मिलता है.

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