मनाया गया अली असगर का गम
वरीय संवाददाता, जमशेदपुरमुहर्रम की पांचवीं तारीख को इमाम हुसैन के छह माह के बेटे हजरत अली असगर का गम मनाया गया. हुसैनी मिशन साकची स्थित मजलिस ए हुसैन में बनारस से आये मौलाना अमीन हैदर ने तकरीर में हजरत अली असगर के मसाएब पढ़े. मौलाना ने कहा कि इमाम हुसैन जब अकेले रह गये तब […]
वरीय संवाददाता, जमशेदपुरमुहर्रम की पांचवीं तारीख को इमाम हुसैन के छह माह के बेटे हजरत अली असगर का गम मनाया गया. हुसैनी मिशन साकची स्थित मजलिस ए हुसैन में बनारस से आये मौलाना अमीन हैदर ने तकरीर में हजरत अली असगर के मसाएब पढ़े. मौलाना ने कहा कि इमाम हुसैन जब अकेले रह गये तब मैदान में जाकर आवाज दी कि कोई है जो मेरी मदद करे. इस पर अली असगर ने स्वयं को झूले से गिरा दिया. जिससे महिलाएं रोने लगी. महिलाओं की रोने की आवाज सुन कर इमाम हुसैन खैमे में गये और प्यासा रहने पर अली असगर को पानी पिलाने लेकर आये. मैदान में यजीदी फौजों से बोले कि तुम मुझे पानी नहीं देना चाहते तो कोई बात नहीं, लेकिन मासूम बच्चा प्यासा है इसे पानी पिला दो. उधर से तीर बरसाया गया जिसमें अली असगर शहीद हो गये. मजलिस के बाद हजरत अली असगर का झूला निकाला गया जिसमें फूल-माला चढ़ा कर तथा चूम कर अकीदत का इजहार किया. खुर्शीद और आसकार ने नौहा पढ़ा और मातम हुआ.