जमशेदपुर: शहर में ट्रैफिक की समस्या दिनों-दिन और गंभीर होती जा रही है. साल दर साल बढ़ते वाहनों की संख्या और तदनुसार कम पड़ती सड़कों के कारण सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही है. लॉ एंड ऑर्डर की भी समस्या उत्पन्न हो रही है. बावजूद इसके टैफिक व्यवस्था में कारगर सुधार के लिए कोई ठोस योजना अब तक नहीं बनी है.
आंकड़ों के अनुसार यहां सड़क दुर्घटना में हर दो दिन में एक व्यक्ति की जान जाती है और हर दिन तीन लोग सड़क दुर्घटना में घायल होते हैं तथा अंगभंग के शिकार होते हैं. शहर में जहां एक ओर प्रति वर्ष औसतन 45 हजार गाड़ियां बढ़ रही हैं, वहीं इसकी तुलना में सड़कें कम होती गयी हैं. जो मुख्य सड़कें हैं वह अतिक्रमण के कारण और संकीर्ण हो गयी हैं. अलग राज्य बनने के 12 साल बीत गये लेकिन शहर में एक भी फ्लाई ओवर का निर्माण नहीं हुआ है.
जिसका नतीजा है कि भारी माल वाहक गाड़ियां भुइयांडीह रोड और पुराना कोर्ट रोड होते हुए बीच सड़क (व्यस्ततम) से पार होती हैं और इस रूट में अक्सर दुघटनायें घटती हैं. हर वर्ष दो सौ लोगों की जान सड़क दुर्घटना में चली जाती है. इसके अलावा शहर में पार्किग की उचित व्यवस्था नहीं होने और ट्रैफिक नियमों का ढंग से पालन नहीं होने के कारण साकची-बिष्टुपुर जैसे व्यस्त चौराहे व मेन रोड भी जाम रहते हैं.