समाज में हो जिसकी अच्छी साख
मोनू सिंहमानगोहर चुनाव की तरह इस बार भी विधानसभा चुनाव में बड़ी संख्या में प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. हर प्रत्याशी एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहा है. सबके अपने छल, छद्म और प्रपंच हैं. इस बार मैं पहली दफा वोट का प्रयोग करूंगा. ऐसे में मैं बहुत सोच-समझकर उसी प्रत्याशी […]
मोनू सिंहमानगोहर चुनाव की तरह इस बार भी विधानसभा चुनाव में बड़ी संख्या में प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. हर प्रत्याशी एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहा है. सबके अपने छल, छद्म और प्रपंच हैं. इस बार मैं पहली दफा वोट का प्रयोग करूंगा. ऐसे में मैं बहुत सोच-समझकर उसी प्रत्याशी को वोट दूंगा जिसकी समाज में साख अच्छी हो. यानी, जो समाज के बीच में रहता हो. चुनाव के बाद भी समाज में नजर आए. वह जनता की तरक्की को सोचे, न कि खुद की तरक्की की. दूसरों को नियमों के पालन की सीख देने के साथ-साथ खुद भी नियमों का पालन करे. अक्सर, बड़े लोग दूसरों को सीख तो देते हैं तो, लेकिन खुद उसका पालन नहीं करते. लेकिन, नेता ऐस होना चाहिये, जो दूसरों को सीख देने के साथ-साथ खुद भी उसका पालन करे. समाज को दिशा दे और सही मायने में उसका नेतृत्व करे. हमारा विधायक ऐसा होना चाहिये, जो सड़क से संसद तक सच की आवाज बने. वह सिर्फ वोट देने वाले लोगों का ही विधायक न हो, बल्कि उसका भी नेतृत्व करे जिन्होंने उसे वोट नहीं दिया हो. कुल मिलाकर वह समभाव रखने वाला हो.