1932 आधारित खतियान कोई भी सरकार नहीं लागू कर सकती, जानें सरयू राय ने क्यों कहा ऐसा

सरयू राय ने कहा कि जो लोग 50 से 70 वर्षों से यहां रह रहे हैं, विभिन्न राज्यों से आकर यहां बसें हैं, उनके हितों की रक्षा करेंगे. 2000 के बाद जो यहां रह गया, वह झारखंडी है. जैसे पहले बिहार में झारखंड था

By Sameer Oraon | November 25, 2022 1:18 PM

डिमना रोड में भाजमो मानगो नगर निगम समिति की गुरुवार को संपन्न बैठक में मानगो नगर निगम के चुनाव पर भी चर्चा की गयी. बैठक में विधायक सरयू राय ने कहा कि 1932 आधारित स्थानीय नीति हवा में बनायी जा रही है. कहा जा रहा है कि जिसके पास 1932 का खतियान नहीं है, वह स्थानीय नहीं है. राज्य में बहुसंख्यक आबादी 80 प्रतिशत है, उनके हित की बात हो, लेकिन 20 प्रतिशत की हकमारी नहीं होनी चाहिए.

जो लोग 50 से 70 वर्षों से यहां रह रहे हैं, विभिन्न राज्यों से आकर यहां बसें हैं, उनके हितों की रक्षा करेंगे. 2000 के बाद जो यहां रह गया, वह झारखंडी है. जैसे पहले बिहार में झारखंड था, उसी प्रकार झारखंड में भी आज एक बिहार बसता है. 1932 खतियान कोई भी सरकार लागू नहीं कर सकती है. हाइकोर्ट के पांच जजों की बेंच ने विस्तार में इस बात को कहा है.

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विधायक सरयू राय ने कहा कि सरकार के एक मंत्री अपने परिवार के लाभ के लिए मुख्यमंत्री पर दबाव डालकर संविधान के प्रावधानों के खिलाफ नगर निकायों का चुनाव रोकने की कोशिश कर रहे हैं. 48 नगर निकायों का चुनाव कराने का राज्यपाल से अनुमोदन मिलने के बावजूद साजिश के तहत सरकार ने 48 में से केवल 46 नगर निकायों में ही चुनाव कराने का प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा. जिसे अनुमोदन भी मिल चुका है.

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