मेटलर्जी साइंस भी बेहतर ऑप्शन

नाम : टीएल शर्मापूर्व साइंटिस्ट, एनएमएलतकनीकि के मामले में एशिया में चीन के बाद भारत को ही सबसे रिच कंट्री के रूप में जाना जाता है और इसके दो ही कारण हंै. यहां पर रॉ मटेरियल की अच्छी अवेलेबिलिटी और दूसरा अच्छे साइंटिस्ट. शायद इसी के वजह से पिछले कुछ वर्षों में भारत में कई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 23, 2014 9:02 PM

नाम : टीएल शर्मापूर्व साइंटिस्ट, एनएमएलतकनीकि के मामले में एशिया में चीन के बाद भारत को ही सबसे रिच कंट्री के रूप में जाना जाता है और इसके दो ही कारण हंै. यहां पर रॉ मटेरियल की अच्छी अवेलेबिलिटी और दूसरा अच्छे साइंटिस्ट. शायद इसी के वजह से पिछले कुछ वर्षों में भारत में कई विदेशी कंपनियों ने पैठ जमानी शुरू कर दी है. खासकर, इस्पात और स्टील इंडस्ट्री में तो काफी तेजी से ग्रोथ आई है. जहां तक बात है जमशेदपुर की तो सभी जानते हैं कि इसे तो लौह नगरी, इस्पात सिटी, स्टील सिटी नामों से जाना जाता है, क्योंकि यहां पर इस्पात का काम काफी बड़े लेवल पर किया जाता है. ऐसे में अगर इन दिनों मेटलर्जी साइंस पर ध्यान दिया जाये और इसी को कैरियर में रूप में चुना जाये तो ये एक अच्छा डिसीजन साबित होगा. बीटेक तो कई स्टूडेंट्स करते हैं पर ज्यादातर फैशिनेशन कम्प्यूटर साइंस, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल ट्रेड की ओर होता है. अक्सर मेटलर्जी साइंस को नजरअंदाज कर दिया जाता है. पर अगर वक्त की नजाकत को समझा जाये तो आने वाले दिनों में मेटलर्जी इंजीनियरिंग में काफी अच्छा स्कोप है. मेटलर्जी इंजीनियरिंग करने के बाद आप मेटलर्जी में साइंटिस्ट भी बन सकते हैं. पैसे के साथ-साथ इज्जत भी कमा सकते हैं.

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