हेल्थ बुलेटिन – डॉ. वी के बाखला
डॉ. वी के बाखला, ऑर्थेपेडिक सर्जन स्लीपिंग ऑर्थेराइटिस का दवाई से इलाज संभव आज कल युवाओं में भी गठिया की शिकायत देखने को मिल रही है. युवाओं में गठिया की बीमारी को स्लीपिंग ऑर्थेराइटिस कहा जाता है. इसके होने के कारण का अभी तक सही-सही पता नहीं चल सका है. वैसे हाइ फीवर के बाद […]
डॉ. वी के बाखला, ऑर्थेपेडिक सर्जन स्लीपिंग ऑर्थेराइटिस का दवाई से इलाज संभव आज कल युवाओं में भी गठिया की शिकायत देखने को मिल रही है. युवाओं में गठिया की बीमारी को स्लीपिंग ऑर्थेराइटिस कहा जाता है. इसके होने के कारण का अभी तक सही-सही पता नहीं चल सका है. वैसे हाइ फीवर के बाद शरीर में दर्द व सूजन के कारण यह होता है. इसके चलते बड़े जोड़ों में दर्द और सूजन होता है. दर्द कलाई, कंधों, कुहनी, घुटनों आदि में हो सकते हैं. इस तरह के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. यह ऑटो इम्यून डिजीज है. यानी बुखार आने बाद इसकी शुरुआत होती है. इसके होने पर कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए. जैसे सूजन व जहां पर दर्द हो रहा हो वहां गरम पानी का सेक नहीं करना चाहिए, मालिश नहीं करनी चाहिए. क्योंकि ऐसा करने से बीमारी बढ़ सकती है. इसके ट्रीटमेंट की बात की जाये तो सबसे पहले खून की जांच की जाती है. बीमारी पकड़ में आने पर दवाई से इसका इलाज किया जाता है. बीमारी- स्लीपिंग ऑर्थेराइटिस लक्षण- बड़े जोड़ों में दर्द और सूजन, कलाई, कंधों, कुहनी, घुटनों में दर्द होना. उपाय- डॉक्टर की सलाह लें.