दवा लेने से 25 वर्षों तक बच सकता है एड्स मरीज
विश्व एड्स दिवस आज – एमजीएम में 20 से 25 मरीजों का हर माह होता है रजिस्ट्रेशन – एमजीएम से एड्स मरीजों को ब्लड, जांच, दवा मिलती है फ्री – एड्स पीडि़त नवजात शिशु का इलाज नहीं होने से एक साल में 40 प्रतिशत व दो साल में 50 प्रतिशत की हो जाती है मौत […]
विश्व एड्स दिवस आज – एमजीएम में 20 से 25 मरीजों का हर माह होता है रजिस्ट्रेशन – एमजीएम से एड्स मरीजों को ब्लड, जांच, दवा मिलती है फ्री – एड्स पीडि़त नवजात शिशु का इलाज नहीं होने से एक साल में 40 प्रतिशत व दो साल में 50 प्रतिशत की हो जाती है मौत – एमजीएम : 2000 से ज्यादा रजिस्ट्रेशन,11 सौ से ज्यादा रोगियों को दी जा रही दवासंवाददाता, जमशेदपुरएड्स के मरीज सही समय पर इलाज के साथ दवा लें, तो 20 से 25 वर्षों तक जीवित रह सकता है. दवा से शरीर में एड्स फैलने की गति को 96 फीसदी तक रोका जा सकता है. इस संबंध में एमजीएम स्थित एआरटी सेंटर के नोडल ऑफिसर डॉ निर्मल कुमार ने कहा कि त्वचा में होने वाले बदलाव, अन्य बीमारी और कैंसर होने पर एड्स की जांच जरूरी हो जाता है. उन्होंने बताया कि बहुत से वायरल, बैक्टीरिया, फुंसी भी इस बीमारी के लक्षण हो सकते हैं. जानकारी के अभाव में होती है मौतडॉक्टर निर्मल कुमार के अनुसार एड्स के बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं होती है, जिसके कारण वे समय पर जांच नहीं करा पाते हैं. समय पर दवा नहीं लेने के कारण उनकी मौत हो जाती है. एड्स के बारे में लोगों के बीच जागरुकता फैलाना जरूरी है. झारखंड में मात्र तीन आइसीटीसी सेंटर पूरे झारखंड में एमजीएम (जमशेदपुर), एम्स (रांची) व धनबाद मेडिकल कॉलेज में ही आइसीटीसी सेंटर है. कोल्हान में एमजीएम आइसीटीसी सेंटर के अंतर्गत कुल नौ सब सेंटर हैं, जहां लोगों को फ्री में एचआइवी की दवा दी जाती है. लक्षणतेज बुखार, ठंड लगना, मांस पेशियों में दर्द, गले में खरास, थकान, मुंह में अल्सर, जांघों के बीच सूजन होना, पेशाब में तेज जलन होना