श्रीकृष्ण के जयकारों से गूंजा यज्ञ मंडप
(फोटो भागवत कथा के नाम से सेव होंगी)श्रीकृष्ण जन्मोत्सव में खूब झूमे श्रद्धालुछोटा गोविंदपुर में भागवत कथा का चौथा दिनजमशेदपुर : छोटा गोविंदपुर स्थित दयाल सिटी में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन (मंगलवार, 2 दिसंबर) श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की धूम रही. पूरा यज्ञ मंडप भगवान श्रीकृष्ण के जयकारों तथा ‘नंद के आनंद भयो, जय […]
(फोटो भागवत कथा के नाम से सेव होंगी)श्रीकृष्ण जन्मोत्सव में खूब झूमे श्रद्धालुछोटा गोविंदपुर में भागवत कथा का चौथा दिनजमशेदपुर : छोटा गोविंदपुर स्थित दयाल सिटी में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन (मंगलवार, 2 दिसंबर) श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की धूम रही. पूरा यज्ञ मंडप भगवान श्रीकृष्ण के जयकारों तथा ‘नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की…’ जैसे भजनों से गूंजता रहा. इसके बाद श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए महामंडलेश्वर प्रेमशंकर जी ने धर्म, अर्थ, काम एवं मोक्ष की महत्ता पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि 84 लाख योनियां भुगतने के पश्चात मानव देह मिलता है, जिसे पाने की कामना स्वयं भगवान भी रखते हैं. आज की कथा में महामंडलेश्वर ने माखन चोरी, गौ चारण, गोपी चीरहरण आदि लीलाओं का वर्णन करते हुए बताया कि गोपियां जीवात्मा हैं, कृष्ण ईश्वर. जीवों पर जब-जब अत्याचार बढ़ता है, तब-तब प्रभु अवतार लेकर अत्याचारी को समाप्त कर धर्म की पुनर्स्थापना करते हैं. श्रीकृष्ण जन्म की चर्चा के क्रम में उन्होंने कहा कि मां तो सभी स्त्रियां बनती हैं, किन्तु यशोदा जैसी मां बहुत कम ही देखने को मिलती हैं. उन्होंने कहा कि हर मां में यशोदा जैसा मातृत्व, उनके जैसा विशाल हृदय होना चाहिए.