मितर प्यारे नूं, हाल मुरीदा दा कहणा … (ऋषि -16)
उपमुख्य संवाददाता, जमशेदपुरमितर प्यारे नूं हाल मुरीदा, दा कहणा, जावे ता जावे मेरा सिखी सिद्दक न जावे, मेहरावालेया साइयां, रक्खी चरणा दे कोल…,गुरु तेग बहादुर हिंद दी चादर… की रविवार को वाणी पढ़ी गयी और कथा वाचन किया गया. सिख समुदाय के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुरजी का शहीदी दिवस श्रद्धापूर्वक कीताडीह दुर्गापूजा मैदान […]
उपमुख्य संवाददाता, जमशेदपुरमितर प्यारे नूं हाल मुरीदा, दा कहणा, जावे ता जावे मेरा सिखी सिद्दक न जावे, मेहरावालेया साइयां, रक्खी चरणा दे कोल…,गुरु तेग बहादुर हिंद दी चादर… की रविवार को वाणी पढ़ी गयी और कथा वाचन किया गया. सिख समुदाय के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुरजी का शहीदी दिवस श्रद्धापूर्वक कीताडीह दुर्गापूजा मैदान में मनाया गया. रविवार को समापन समारोह के अवसर पर शहर के विभिन्न क्षेत्रों से संगत ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी. कीताडीह सिख नौजवान सभा द्वारा आयोजित दो दिवसीय कीर्तन दरबार में अमृतसर से रागी जत्था भाई मंजीत सिंह, जालंधर से जोतिंदरजोत सिंह तथा गम्हरिया से मनमोहन सिंह कीर्तन गायन किया. कथा वाचक ने अपनी वाणी में गुरु गोविंद सिंह के बारे में कहा कि गुरुजी ने अपने चार बच्चों को कुरबान कर गुरुजी का शुक्रिया किया. जिस कार्य के लिए उन्होंने धरती पर अवतार लिया था, उसका शुक्रिया कहा. कीताडीह में आयोजित समागम में गुरु के अटूट लंगर की व्यवस्था की गयी थी. दो दिन की जलापूर्ति की व्यवस्था जिला परिषद सदस्य राजकुमार सिंह द्वारा की गयी थी. समारोह में सरदार शैलेंद्र सिंह, परमजीत सिंह काले के अलावा स्थानीय हरविंदर सिंह, नरेंद्र सिंह शेरगिल, जसपाल सिंह, राजेंद्र सिंह, त्रिलोचन सिंह, हरदेव सिंह, चरणजीत सिंह, ओंकार सिंह, जसप्रीत सिंह, विजेंद्र सिंह, गगनदीप सिंह, दिलबाग सिंह, जसविंदर सिंह के अलावा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और स्त्री सत्संग सभा के सदस्यों ने उपस्थिति दर्ज करायी.