श्रमिकों की किस्मत लिखना बंद करें : राजेंद्र सिंधिया
एनजेसीएस में स्टील वर्कर्स के सुविधा पर बात होती है लेकिन खदान मजदूरों पर सब चुप है संवाददाता, किरीबुरूइंटक के शाखा सचिव राजेंद्र सिंधिया ने 13 दिसंबर को आरएमडी के तमाम नौ खदानों में एक साथ हुए धरना-प्रदर्शन की सफलता को ऐतिहासिक करार दिया है. उन्होंने रविवार को इस सफलता का श्रेय मजदूरों को दिया […]
एनजेसीएस में स्टील वर्कर्स के सुविधा पर बात होती है लेकिन खदान मजदूरों पर सब चुप है संवाददाता, किरीबुरूइंटक के शाखा सचिव राजेंद्र सिंधिया ने 13 दिसंबर को आरएमडी के तमाम नौ खदानों में एक साथ हुए धरना-प्रदर्शन की सफलता को ऐतिहासिक करार दिया है. उन्होंने रविवार को इस सफलता का श्रेय मजदूरों को दिया व मजदूर नेताओं को चेताया भी. राजेंद्र ने कहा कि शहरों में रह कर जंगल क्षेत्र के खदानों में काम करने वाले श्रमिकों की किस्मत लिखना बंद करें. क्योंकि तमाम खदानों के मजदूर एक हो चुके हैं. 13 दिसंबर के धरना ने सेल के इतिहास में कीर्तिमान स्थापित किया है. सेल के दो डिवीजन स्टील व रॉ मेटेरियल है. स्टील को एनजेसीएस में बैठने का हक प्राप्त है, जो सिर्फ स्टील वर्कर्स की सुविधा पर बात करता है. रॉ मेटेरियल अर्थात खदान के मजदूरों की समस्या पर बात नहीं होती. खदान के मजदूरों को केंद्र के प्रयास से कोई सुविधा मिलती है. उसकी कटौती के प्रयास में सेल प्रबंधन लगा है एवं स्टील के मजदूर चुप है. कल का धरना इसके खिलाफ भी था. खदान के मजदूर खून को पसीने में तब्दील कर धरती का सीना चीर कर पत्थर से लोहा निकालते हैं, तब स्टील तैयार होता है. यहां के मजदूरों को शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, पेयजल, सड़क आदि कोई सुविधा नहीं, अब इसे बरदाश्त नहीं किया जायेगा. नेता भी बड़े-बड़े भाषण देते हैं, लेकिन हम मजदूरों की सुधि कोई नहीं लेता है.