डॉ. के के लाल, कंसलटेंट डायबिटोलॉजिस्ट बच्चों को जीवन भर लेना पड़ता है इंसूलिन धारणा है कि डायबटिज सिर्फ वयस्कों में ही होती है. लेकिन यह छोटे बच्चों को भी हो सकती है. बच्चों की डायबटिज को टाइप 1 डायबटिज कहा जाता है. यह इम्यून मेडिएटेज डायबटिज होती है. इसकी वजह से शरीर में बिटासेल्स डैमेज होने लगते हैं. जिसके कारण इंसूलिन नहीं बन पाता. इस बीमारी के होने के कारण बच्चे को जीवन भर इंसूलिन लेना पड़ता है. इसके चलते पेशाब में इनफेक्शन, जलन, बुखार ठीक नहीं होता, बच्चा कमजोर हो जाता है. इसका पता शूगर लेवल नाप कर लगाया जाता है. बच्चे को ब्लड टेस्ट के लेवल के अनुरूप इंसूलिन दिया जाता है. इससे बचाव के लिये जीवन भर इंसूलिन लेना पड़ता है. शोध से पता चला है कि इस बीमारी से ग्रसित मरीज को समय-समय पर इंसूलिन दिया जाता रहे तो मरीज 80 साल से भी ज्यादा समय तक जिंदा रहता है. बीमारी- बच्चों में टाइप 1 डायबटिजलक्षण- पेशाब में इंफेक्शन, जलन, बुखार ठीक नहीं होना, कमजोर होना. उपाय- इंसूलिन लें, डॉक्टर की सलाह लें.
Advertisement
लेटेस्ट वीडियो
हेल्थ बुलेटिन- डॉ. के के लाल
Advertisement
डॉ. के के लाल, कंसलटेंट डायबिटोलॉजिस्ट बच्चों को जीवन भर लेना पड़ता है इंसूलिन धारणा है कि डायबटिज सिर्फ वयस्कों में ही होती है. लेकिन यह छोटे बच्चों को भी हो सकती है. बच्चों की डायबटिज को टाइप 1 डायबटिज कहा जाता है. यह इम्यून मेडिएटेज डायबटिज होती है. इसकी वजह से शरीर में बिटासेल्स […]

ऑडियो सुनें
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
संबंधित ख़बरें
Trending News
Advertisement
अन्य खबरें
Advertisement
Advertisement
Advertisement