धूल फांक रही है 25 लाख की मशीन

जमशेदपुर: एमजीएम अस्पताल परिसर में चल रहे ब्लड बैंक में रखी 25 लाख की क्रायो सेंट्रीफ्यूज मशीन धूल फांक रही है. इसका कारण स्टाफ की कमी व लैमिनर फ्लो टेबल उपलब्ध नहीं होना बताया जा रहा है. इस मशीन के चालू हो जाने से मरीजों को काफी लाभ होगा. वर्तमान में ब्लड बैंक में आया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 16, 2014 7:17 AM

जमशेदपुर: एमजीएम अस्पताल परिसर में चल रहे ब्लड बैंक में रखी 25 लाख की क्रायो सेंट्रीफ्यूज मशीन धूल फांक रही है. इसका कारण स्टाफ की कमी व लैमिनर फ्लो टेबल उपलब्ध नहीं होना बताया जा रहा है. इस मशीन के चालू हो जाने से मरीजों को काफी लाभ होगा.

वर्तमान में ब्लड बैंक में आया पूरा एक यूनिट ब्लड एक मरीज को दे दिया जाता है, लेकिन इस मशीन के चालू हो जाने से एक यूनिट ब्लड को सेपरेशन के जरिये उसके चार अवयवों को अलग-अलग किया जा सकता है. इसके बाद किसी खास मरीज को जिस अवयव की जरूरत हो, उसे सिर्फ वही मुहैया कराया जा सकता है, बाकी अवयव दूसरे मरीजों के काम आ सकते हैं. ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ वीबीके चौधरी ने पूछे जाने पर उक्त जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इसके लिए नाको (नेशनल एडस कंट्रोल आर्गेनाइजेशन) सहित संबंधित अन्य पदाधिकारियों को कई बार लिखा जा चुका है, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हो पायी है तथा मशीन चालू नहीं हो पायी है. इस मशीन को चालू करने के लिए लाइसेंस की जरूरत होती है. टेबल आने के बाद इसके लाइसेंस के लिए आवेदन किया जायेगा. लाइसेंस मिलने पर ही इस मशीन चालू हो सकता है.

एक यूनिट ब्लड से चार लोगों की बचेगी जान

ब्लड बैंक प्रभारी डॉ वीबीके चौधरी ने बताया कि इस मशीन के चालू हो जाने से मरीजों को काफी लाभ होगा. अभी एक यूनिट ब्लड एक ही आदमी को चढ़ाना पड़ता है. इसके चालू हो जाने से एक यूनिट ब्लड के चार अवयवों को अलग किया जा सकेगा, जो आवश्यकतानुसार चार मरीजों को चढ़ाया जा सकता है. इस मशीन से एक यूनिट ब्लड को पैक्सेल, प्लेटलेट, प्लाज्मा एवं फैक्टर 8 में बांटा जाता है. इसके बाद उसे मरीजों को जरूरत के अनुसार मुहैया कराया जाता है. इसके नहीं रहने से संपूर्ण ब्लड एक ही मरीज को देना पड़ रहा है. इस मशीन के चालू हो जाने से एक यूनिट ब्लड से चार लोगों की जान बचायी जा सकेगी.

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