सरस पर हाइकोर्ट में सुनवाई आज

जमशेदपुर: निजी स्कूलों में दाखिले की दौड़ शुरू हो गयी है, लेकिन इसे लेकर एक बार फिर जिला प्रशासन और निजी स्कूल आमने-सामने हैं. जिला शिक्षा अधीक्षक ने निजी स्कूलों को सरस सॉफ्टवेयर निरस्त कर मैनुअल लॉटरी का आदेश दिया है. इस आदेश के खिलाफ जमशेदपुर अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन हाइकोर्ट चला गया है. हाइकोर्ट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 17, 2014 2:17 AM

जमशेदपुर: निजी स्कूलों में दाखिले की दौड़ शुरू हो गयी है, लेकिन इसे लेकर एक बार फिर जिला प्रशासन और निजी स्कूल आमने-सामने हैं. जिला शिक्षा अधीक्षक ने निजी स्कूलों को सरस सॉफ्टवेयर निरस्त कर मैनुअल लॉटरी का आदेश दिया है. इस आदेश के खिलाफ जमशेदपुर अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन हाइकोर्ट चला गया है.

हाइकोर्ट में इस मामले की सुनवाई बुधवार को होगी. निजी स्कूल प्रबंधन सरस को निरस्त करने के साथ जिला प्रशासन की ओर से एडमिशन प्रक्रिया में बार-बार हस्तक्षेप करने के खिलाफ भी हाइकोर्ट गया है. बुधवार को सुनवाई के बाद ही तय हो पायेगा कि निजी स्कूलों में किस प्रकार से लॉटरी होगी. अगर हाइकोर्ट में मामला लटकता है, तो फिर लॉटरी की प्रक्रिया में देर हो सकती है. इधर, शहर के कुछ निजी स्कूल प्रबंधन ने किसी प्रकार का आदेश आने से पहले ही लॉटरी कर ली है. डिमना स्थित आरवीएस एकेडमी और छोटा गोविंदपुर के विग इंग्लिश स्कूल में लॉटरी हो चुकी है. हालांकि दोनों स्कूल में लॉटरी की प्रक्रिया मैनुअल थी.

खुद गये कोर्ट, लेकिन बाद में बदल लिया फैसला

जिला प्रशासन की ओर से मैनुअल लॉटरी के आदेश के खिलाफ जमशेदपुर अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन हाइकोर्ट चला गया. इसके कुछ दिनों के बाद एसोसिएशन की कोर कमेटी की बैठक हुई. इस बैठक के बाद एक बार फिर से फैसला लिया गया कि जिला प्रशासन को अगर सरस से परेशानी है तो सरस से लॉटरी के बजाय स्कूल प्रबंधन खुद एक नया सॉफ्टवेयर तैयार करेंगे. इसे जिला प्रशासन के आदेश का अनुपालन ही माना जा रहा है. जिला प्रशासन ने इसे प्रशासनिक आदेश के साथ खिलवाड़ करने का मामला माना है. डीएसइ इंद्र भूषण सिंह के अनुसार सरस को निरस्त कर उसकी जगह पर मैनुअल लॉटरी का आदेश दिया गया था.

नये सॉफ्टवेयर की मॉनीटरिंग कौन करेगा, तय नहीं

जिला प्रशासन की ओर से मैनुअल लॉटरी के आदेश के बावजूद निजी स्कूल प्रबंधन ने तय कर लिया है कि स्कूल अपने स्तर से नये सॉफ्टवेयर डेवलप करेंगे. अब तक यह तय नहीं किया गया है कि यह सॉफ्टवेयर कैसा होगा, कौन तैयार करेगा, डेटा फीड करने का क्या तरीका होगा, फॉर्म लेने वाले 100 फीसदी बच्चों का डेटा फीड किया गया है या नहीं, या फिर सॉफ्टवेयर पारदर्शी तरीके से लॉटरी कर रहा है, इसकी मॉनीटरिंग कौन करेगा. हालांकि सरस सॉफ्टवेयर बनाने के बाद इसे एप्रुवल के लिए जिला प्रशासन से मंजूरी ली गयी थी. नये सॉफ्टवेयर को लेकर इस तरह का अब तक कुछ भी तय नहीं हो पाया है.

‘‘मामला कोर्ट में है. इसके बाद भी हम लोगों ने जिला प्रशासन के आदेश के अनुसार इस बार सरस से लॉटरी नहीं करने का फैसला लिया है. स्कूल खुद अपने स्तर से सॉफ्टवेयर बनायेंगे.

एपीआर नायर, महासचिव, जमशेदपुर अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन

‘‘हमने सरस को निरस्त कर मैनुअल लॉटरी करने का आदेश दिया था. इस आदेश के बाद निजी स्कूल हाइकोर्ट गये हैं. अगर वे सरस के बजाय किसी भी सॉफ्टवेयर से लॉटरी करते हैं तो इस पर रोक रहेगी. मामला कोर्ट में है, कोर्ट के आदेश का हम पालन करेंगे.

– इंद्र भूषण सिंह, डीएसइ, पूर्वी सिंहभूम

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