एनएसआइबीएम: बांग्लादेश के मैम एजुकेशन के साथ हुआ करार, शहर में पढ़ेंगे बांग्लादेशी छात्र

जमशेदपुर: जमशेदपुर के बी स्कूल की धमक विदेशों में भी सुनाई दे रही है. बिजनेस स्कूल एक्सएलआरआइ ने ग्लोबल मैनेजमेंट प्रोग्राम के तहत चीन और अमेरिका के साथ करार किया. इसके बाद शहर के ही एक और बी स्कूल ने विदेशियों को जमशेदपुर आकर मैनेजमेंट की पढ़ाई करने का द्वार खोला है. नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 23, 2014 6:16 AM

जमशेदपुर: जमशेदपुर के बी स्कूल की धमक विदेशों में भी सुनाई दे रही है. बिजनेस स्कूल एक्सएलआरआइ ने ग्लोबल मैनेजमेंट प्रोग्राम के तहत चीन और अमेरिका के साथ करार किया.

इसके बाद शहर के ही एक और बी स्कूल ने विदेशियों को जमशेदपुर आकर मैनेजमेंट की पढ़ाई करने का द्वार खोला है. नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट (एनएसआइबीएम) ने बांग्लादेश के मैम एजुकेशन के साथ एक एमओयू किया है.

इस एमओयू के अनुसार बांग्लादेश के बच्चे जमशेदपुर आकर पढ़ाई कर सकेंगे. उनके लिए संस्थान में खास तौर पर 25 फीसदी सीटें आरक्षित होंगी. एनएसआइबीएम के डीन नागेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले दिनों संस्थान की ओर से वे बांग्लादेश गये थे. वहां विदेश मंत्रलय की हरी झंडी मिलने के बाद एमओयू किया गया. दोनों देशों के अनुसार किये गये एमओयू के अनुसार एनएसआइबीएम में कैट, मैट और जैट के स्कोर के आधार पर दाखिला होगा. इसके साथ ही संस्थान में खास तौर पर बांग्लादेश के बच्चों के लिए 25 फीसदी सीटें आरक्षित होंगी. संस्थान की ओर से डीन नागेंद्र सिंह और बांग्लादेश के मो. आजाद ने एमओयू पर साइन किया.

बताया गया कि आने वाले दिनों में संस्थान नेपाल, मलेशिया, सिंगापुर, श्रीलंका और कुछ यूरोपियन देशों के साथ करार करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. कुछ दिनों के बाद दो अन्य देशों के साथ करार किया जायेगा.

सुरक्षा के होंगे खास इंतजाम

संस्थान प्रबंधन ने बताया गया कि बांग्लादेशी विद्यार्थियों को शहर में सुरक्षित रखने के लिए खास तौर पर इंतजाम किये जायेंगे. उनके लिए हॉस्टल को नया लुक दिया जा रहा है. बताया गया कि करार के अनुसार बांग्लादेशी विद्यार्थियों को फीस में भी छूट दी जायेगी.

क्या है उद्देश्य

प्रबंधन ने बताया कि पिछले दिनों बांग्लादेश की ओर से संपर्क किया गया था. इसके बाद वहां की स्थिति जाकर देखी गयी. इसके बाद पाया गया कि बांग्लादेश में कई मेधावी विद्यार्थी हैं, लेकिन उन्हें सही मार्गदर्शन और एक्सपोजर नहीं मिल पाने की वजह से हायर एजुकेशन हासिल नहीं कर पाते हैं, इसी वजह से संस्थान प्रबंधन की ओर से दोनों देशों के संस्थानों के साथ करार किया गया है.

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