प्रफुल्ल हत्याकांड: एडीजे-2 की अदालत ने सुनाया फैसला, दोषी को उम्रकैद, जुर्माना

जमशेदपुर: उत्पाद विभाग के कर्मचारी प्रफुल्ल महतो हत्याकांड में एडीजे-2 दीपक नाथ तिवारी की अदालत ने सुभाष महतो को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 25 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. इस मामले में कुल नौ लोगों की गवाही हुई. घटना 15 दिसंबर, 2012 की एमजीएम थानांतर्गत कमलाबेड़ा की है. मृतक के दोनों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 23, 2014 6:18 AM

जमशेदपुर: उत्पाद विभाग के कर्मचारी प्रफुल्ल महतो हत्याकांड में एडीजे-2 दीपक नाथ तिवारी की अदालत ने सुभाष महतो को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 25 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. इस मामले में कुल नौ लोगों की गवाही हुई. घटना 15 दिसंबर, 2012 की एमजीएम थानांतर्गत कमलाबेड़ा की है.

मृतक के दोनों पुत्र संतोष कुमार महतो और मनोरंजन महतो ने आरोपी को तलवार लेकर भागते देखा था. इस संबंध में मृतक के पुत्र संतोष कुमार महतो के बयान पर सुभाष महतो के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था.

तलवार से काट दिया था गला

संतोष कुमार महतो ने पुलिस को बताया कि 10 दिसंबर, 2012 को उनके पिता प्रफुल्ल महतो छुट्टी लेकर घर आये थे. 15 दिसंबर, 2012 की शाम करीब सात बजे प्रफुल्ल शौच के लिए गांव की उत्तर दिशा में डेढ किलोमीटर दूर भागडेगा नाला के पास गये थे. वहां से काफी देर तक वापस नहीं लौटने पर संतोष कुमार और उनका छोटा भाई मनोरंजन कुमार अपने पिता को ढूढ़ने गये. दोनों भाई जब भागडेगा नाला की ओर गये, तो देखा कि पिता का गरदन आधा कटा हुआ है. पूरा शरीर खून से सना हुआ है. इसके बाद दोनों भाई ने इसकी खबर परिवार के लोगों को दी.

सुभाष को तलवार फेंक कर भागते देखा था

दोनों भाइयों ने पिता की हालत देखने के बाद टॉर्च जला कर आस-पास देखा. इस दौरान उन्हें गमछा और बनियान पहने सुभाष के हाथ में खून में सना तलवार दिखा. तलवार की लंबाई करीब दो फीट होगी. वह घटनास्थल से कुछ दूर पर तलवार फेंक कर गांव की ओर भाग रहा था. इसके बाद मृतक के छोटा पुत्र मनोरंजन ने इसकी सूचना ग्रामीणों और अपने परिवार को दी.

तलवार पर लगा खून मृतक का

जांच के दौरान पाया गया कि तलवार सुभाष का ही है. वहीं तलवार पर लगा खून और मृतक का खून एक ही है.

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