‘आज’ ने दी मो रफी को संगीतमय श्रद्धांजलि
यूंही तुम मुझसे बात करती हो…(फोटो ऋषि की होगी)लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर ‘यूं ही तुम मुझसे बात करती हो, या कोई प्यार का इरादा है…’, माइकेल जॉन ऑडिटोरियम में बुधवार शाम जब फिल्म सच्चा-झूठा का मो रफी-लता मंगेशकर का गाया यह गाना गूंजा तो लगा कि रफी की आत्मा गायक के गले में उतर आयी […]
यूंही तुम मुझसे बात करती हो…(फोटो ऋषि की होगी)लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर ‘यूं ही तुम मुझसे बात करती हो, या कोई प्यार का इरादा है…’, माइकेल जॉन ऑडिटोरियम में बुधवार शाम जब फिल्म सच्चा-झूठा का मो रफी-लता मंगेशकर का गाया यह गाना गूंजा तो लगा कि रफी की आत्मा गायक के गले में उतर आयी हो. मौका था एमेच्योर आर्टिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ जमशेदपुर (आज) के तत्वावधान में मोहम्मद रफी को संगीतमय श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित ‘समर्पित दिवस’ समारोह का. ईश्वर अल्लाह तेरे नाम…शहर के कलाकार अमिताभ व प्रिया यह गाना प्रस्तुत कर रहे थे. और यही क्यों, कार्यक्रम में शहर के लगभग सभी कलाकारों ने एक से बढ़ कर एक गीत गाये. इससे पहले मुख्य अतिथि आयकर आयुक्त डॉ श्वेताभ सुमन और समाजसेवी विनीता शाह ने नारियल फोड़ कर संगीत संध्या का विधिवत उद्घाटन किया. इसके बाद संस्था के महासचिव बीके लाल के संचालन में स्व रफी तथा अन्य कलाकारों के गाये समूह गान ‘ईश्वर अल्लाह तेरे नाम…’ गीत से ‘सबके लिए सन्मति’ की कामना के साथ संगीत संध्या शुरू हुई. रोहित ने ‘जनम-जनम का साथ है…’ निरंजन ने ‘अपनी आंखों में बसा कर…’ और संतोष कुमार चीमा ने ‘चले थे साथ मिल कर…’ गीत प्रस्तुत किये. फिर बीके लाल एवं सुमिता की प्रस्तुति ‘जमाने के देखे हैं रंग हजार…’ ने रंग जमा दिया. विशेष रूप से सुमिता की सधी-सुरीली आवाज की सबने प्रशंसा की. ‘आज’ की तरफ से मो रफी को श्रद्धांजलि देने के लिये फिल्म जगत के सभी गायकों के गाये गीतों का चयन किया था. आयोजन में सुबोध श्रीवास्तव, आरएस पांडेय, एसआरए छब्बन, वाइ आनंद राव आदि उपस्थित थे.