मामला : रिमांड होम से बाल बंदियों के भागने का कोयला के बोरे और सीढ़ी के सहारे भागे

जमशेदपुर: करनडीह स्थित रिमांड होम से दो बाल बंदियों के भागने की घटना का परत दर परत खुलने लगा है. संप्रेक्षण गृह से भागने में बाल बंदियों ने कोयले के बोरे और टूटी सीढ़ी का सहारा लिया. बाल बंदियों ने सबसे पहले खिड़की को ग्रिल पत्थर से मार कर तोड़ दिया. इसके बाद बच्चे संप्रेक्षण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 26, 2014 6:47 AM

जमशेदपुर: करनडीह स्थित रिमांड होम से दो बाल बंदियों के भागने की घटना का परत दर परत खुलने लगा है. संप्रेक्षण गृह से भागने में बाल बंदियों ने कोयले के बोरे और टूटी सीढ़ी का सहारा लिया. बाल बंदियों ने सबसे पहले खिड़की को ग्रिल पत्थर से मार कर तोड़ दिया. इसके बाद बच्चे संप्रेक्षण गृह में पहले से रखे कोयले के बोरे और टूटी सीढ़ी के सहारे दीवार पर चढ़ गये और आसानी से फरार हो गये.

कंबल के अंदर तकिया रख निकले

भागने से पहले बच्चों ने बिस्तर पर तकिये को कंबल के अंदर रख दिया था, ताकि लगे कि बच्चे ठंड की वजह से कंबल ओढ़ कर सोये हुए हैं. सुबह में जब संप्रेक्षण गृह के प्रहरी धनश्याम प्रसाद, भेरो सोरेन गये थे. दो बच्चों को कम पाया. पहले लगा कि बच्चे सो रहे हैं, लेकिन कंबल उठाया तो बच्चे की जगह तकिया निकला.

रिमांड होम की दीवार होगी और ऊंची, लगेगा कंटीला तार

रिमांड होम से बाल बंदियों की भागने की घटना के बाद दीवार को ऊंचा करने और कंटीले तार वेफर लाइट लगाने का निर्णय लिया गया है. यूसीआइएल को यह कार्य सौंपा गया है.

‘‘पूरे मामले की जांच रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को सौंप दी गयी है. सुरक्षा में चूक हुई है. सुरक्षा में तैनात चार जवानों को हटाने की अनुशंसा की गयी है. – संध्या रानी, सीडीपीओ सह संप्रेक्षण गृह प्रभारी

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