स्टील कंपनियों को प्राथमिकता मिले

जमशेदपुर: टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने कहा कि स्टील कंपनी संचालित करनेवालों को आयरन ओर की खदान देने में प्राथमिकता मिलनी चाहिए. सरकार नीलामी कराये, इससे पारदर्शिता आयेगी. लेकिन कैप्टिव माइंस (जो कंपनियां संचालित कर रही हैं) को तत्काल मंजूरी दी जानी चाहिए. श्री नरेंद्रन गुरुवार को गोपाल मैदान में आयोजित फ्लावर शो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 26, 2014 6:48 AM

जमशेदपुर: टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने कहा कि स्टील कंपनी संचालित करनेवालों को आयरन ओर की खदान देने में प्राथमिकता मिलनी चाहिए. सरकार नीलामी कराये, इससे पारदर्शिता आयेगी. लेकिन कैप्टिव माइंस (जो कंपनियां संचालित कर रही हैं) को तत्काल मंजूरी दी जानी चाहिए. श्री नरेंद्रन गुरुवार को गोपाल मैदान में आयोजित फ्लावर शो के उदघाटन के मौके पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि आयरन ओर को लेकर काफी परेशानी हो रही है.राज्य सरकार को झारखंड हाइकोर्ट ने एक्सप्रेस ऑर्डर जारी करने का आदेश दिया था, लेकिन उस आदेश का अनुपालन नहीं हुआ है. श्री नरेंद्रन ने बताया कि हमारा फोकस आयरन ओर है. केंद्रीय स्तर पर सरकार के साथ समन्वय स्थापित किया जा रहा है. स्टील एसोसिएशन की तरफ से भी सभी स्टील कंपनियों ने मांग उठायी है कि जो भी कंपनी स्टील का उत्पादन कर रही है, उसको सीधे तौर पर लाभ मिले. आयरन ओर की उनके बीच ही नीलामी करायी जानी चाहिए.

श्री नरेंद्रन ने कहा कि कोयला की नीलामी भी शुरू हो गयी है. कोयला की जरूरत कंपनी को तो है, लेकिन इसका आयात ज्यादा कंपनी करती है. इस परिस्थिति में भी टाटा स्टील कोयला के ऑक्सन में भाग लेगी. श्री नरेंद्रन ने कहा कि राज्य में नयी सरकार बनने वाली है.नयी सरकार से हमारी उम्मीदें बढ़ गयी है.

झारखंड में खनिज नहीं होता, तो प्लांट क्यों लगता

टीवी नरेंद्रन ने कहा कि जब जमशेदपुर में टाटा स्टील की स्थापना की गयी थी, तब यह देखा गया था कि यहां खनिज संपदा ज्यादा है. अगर यहां खनिज नहीं होता, तो कोई क्यों इतनी दूर प्लांट लगाता. उन्होंने कहा कि यहां से स्टील भेजने पर भी 3000 किमी तक का अतिरिक्त खर्च लगता है, क्योंकि झारखंड में बाजार ही नहीं है. अगर आयरन ओर का संकट रहेगा, तो कोई यहां क्यों रहेगा? कोई भी प्लांट बंदरगाह के सामने लगायेगा, जिस तरह यूरोप में टाटा स्टील का ही प्लांट कोरस संचालित हो रहा है. चुनौती से निबटने के लिए सरकार मदद करे.

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