एग्जाम से पहले बार-बार करें रीविजन

नोट- फोटो एडीएलएस संनशाइन के फोल्डर में डाली जा चुकी है वहां से ले लें नाम : के क्रिशनन मुर्मू माता-पिता : पुनम मुर्मू व सीके मुर्मू क्लास : दसवीं मार्क्स : 94 फीसदी स्कूल : एडीएल सन साइन मैंने दसवीं की पढ़ाई एडीएलएस सन साइन स्कूल से की. इसमें मैंने 94 फीसदी अंक लाकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 26, 2014 6:03 PM

नोट- फोटो एडीएलएस संनशाइन के फोल्डर में डाली जा चुकी है वहां से ले लें नाम : के क्रिशनन मुर्मू माता-पिता : पुनम मुर्मू व सीके मुर्मू क्लास : दसवीं मार्क्स : 94 फीसदी स्कूल : एडीएल सन साइन मैंने दसवीं की पढ़ाई एडीएलएस सन साइन स्कूल से की. इसमें मैंने 94 फीसदी अंक लाकर अपने स्कूल में सेकेंड पोजीशन हासिल किया. अभी मैं डीएवी, बिष्टुपुर से (पीसीएम) 11वीं की पढ़ाई कर रहा हूं. एग्जाम में अच्छे नम्बर लाने के लिए जरूरी है कि पढ़ी हुए चैप्टर का बार-बार रीविजन किया जाये. इससे कॉन्सेप्ट क्लीयिर होता है. जब मैं दसवीं क्लास में था तो मैंने जनवरी के आसपास ही अपना सिलेबस कंपलीट कर लिया था. मेरी कोशिश यही रही कि मैं बार-बार और ज्यादा से ज्यादा रीविजन कर सकूं. पढ़ाई के लिए मैंने टाइम-टेबल बनाया और सुबह उठने से लेकर सोने तक उसे फॉलो किया. पिछले साल के प्रश्नों को देखा और उन्हें मॉक टेस्ट का जरिया बनाया.

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