जीवन भर पीछा करते हैं मनुष्य के कर्म : बाजपेयी (हैरी -12)
-यूपी संघ में भागवत कथा का तीसरा दिनजमशेदपुर. उत्तर प्रदेश संघ की सांस्कृतिक समिति के तत्वावधान में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन शनिवार को पं राजकुमार बाजपेयी (चित्रकूट से पधारे) ने कहा कि मनुष्य के कर्म जीवन पर्यंत उसका पीछा करते रहते हैं. अंत में मति के अनुरूप गति निर्मित होती है. उन्होंने […]
-यूपी संघ में भागवत कथा का तीसरा दिनजमशेदपुर. उत्तर प्रदेश संघ की सांस्कृतिक समिति के तत्वावधान में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन शनिवार को पं राजकुमार बाजपेयी (चित्रकूट से पधारे) ने कहा कि मनुष्य के कर्म जीवन पर्यंत उसका पीछा करते रहते हैं. अंत में मति के अनुरूप गति निर्मित होती है. उन्होंने जड़ भरत की कथा के माध्यम से समझाया कि जड़ भरत जैसा साधक भी थोड़ी सी चूक के कारण मुक्ति के द्वार पर खड़े होने के बाद भी दो जन्म लेकर संसार में आने को बाध्य हुआ. तीसरे जन्म में परमार्षिक चिंतन से रहूगण जैसे आधिभौतिक जगत में भ्रमण करने वाले अहंवादी को ज्ञानोपदेश देकर उन्हें मोक्ष के मार्ग पर चला कर स्वयं मोक्ष प्राप्त कर सका. आज की कथा में संघ के उपाध्यक्ष रामफल मिश्रा, महासचिव डॉ डीपी शुक्ला, केपी सिंह, आरजी त्रिपाठी, गीता शुक्ला, बच्चन दुबे, एसके सिंह, एके पांडेय, कमलेंदु शुक्ला, आशु तिवारी, रितू चौधरी, कविता झा, विभा शुक्ला, आशा दुबे, अल्पना शुक्ला आदि उपस्थित थे.