कलियुग में नामस्मरण से ही हो जाता है उद्धार : बृजनंदन जी

वसुंधरा एस्टेट में श्रीमद्भागवत कथा जमशेदपुर : श्री राधा का नाम श्रीमद् भागवत का सार है, महिमा है सब श्रीराम की. कलियुग में प्रभु का नाम स्मरण ही भवसागर से पार करता है. उक्त बातें बृजनंदन जी ने वसुंधरा एस्टेट में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में रविवार को श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहीं. उन्होंने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 28, 2014 11:03 PM

वसुंधरा एस्टेट में श्रीमद्भागवत कथा जमशेदपुर : श्री राधा का नाम श्रीमद् भागवत का सार है, महिमा है सब श्रीराम की. कलियुग में प्रभु का नाम स्मरण ही भवसागर से पार करता है. उक्त बातें बृजनंदन जी ने वसुंधरा एस्टेट में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में रविवार को श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहीं. उन्होंने अजामिल का उदाहरण देते हुए कहा कि अंत समय में अपने पुत्र नारायण का नाम लेकर पुकारा, तो उसके सारे पाप नष्ट हो गये, उसका उद्धार हो गया. कथा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि आज पिता को डैडी, पापा कहने का चलन है तथा बच्चों के नाम टॉमी, टप्पू, चिंटू, ट्विंकल रखे जाते हैं, राम, श्याम, गोविंद आदि नहीं, जिनके उच्चारण से भी हरि स्मरण हो जाता है. उन्होंने श्रद्धालुओं को सलाह दी कि घर में जो कुछ रसोई में पके, उसका सर्वप्रथम ठाकुर जी को भोग लगाना चाहिए. ऐसा करने से वह रसोई प्रसाद में परिवर्तित हो जाती है.

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