जमशेदपुर : ऊनी कपड़ा व शॉल बेचने के लिए शहर आये लगभग 250 कश्मीरी लोग लॉकडाउन में फंसे हुए हैं. यह सभी कश्मीर के कुपवाड़ा, श्रीनगर, बड़गाम, बारामूला समेत अन्य जिलों के हैं. यह कश्मीरी धातकीडीह, साकची, गोलमुरी समेत अन्य क्षेत्रों में रह रहे हैं, तथा इसमें से लगभग 10-15 महिलाएं तथा आठ-10 बच्चे भी हैं. कश्मीरियों के प्रतिनिधिमंडल ने बिष्टुपुर थाना पहुंच कर घर वापस भेजने की गुहार लगायी है. कुपवाड़ा के रहने वाले जमाल भट्ट ने बताया कि वे लोग प्रत्येक वर्ष अक्तूबर माह में गर्म कपड़ा बेचने जमशेदपुर आते थे अौर पैसे कलेक्शन कर मार्च माह में अपने घर लौट जाते थे.
प्रत्येक वर्ष की तरह लगभग ढाई सौ कश्मीरी अक्तूबर माह में गर्म कपड़ा बेचने आये थे अौर फरवरी माह तक कारोबार करने के बाद मार्च में पैसे कलेक्शन कर वापस लौटने की तैयारी में थे, इस बीच मार्च माह में लॉकडाउन घोषित होने के कारण फंस गये. साथ ही नहीं निकलने के कारण उनके पैसे भी, जिन्हें गर्म कपड़े दिये हैं, उनके पास फंस गये हैं. उनके पास जो पैसे थे, वह भी धीर-धीरे खत्म हो गये हैं. यहां गर्मी भी काफी सता रही है तथा खाने की दिक्कत भी है. साथ ही रमजान शुरू हो गया है, इसलिए वे लोग घर लौटना चाहते हैं. जमाल भट्ट ने कहा कि उन लोगों के पास रांची से श्रीनगर तक का एयर टिकट भी था, लेकिन फ्लाइट रद्द हो गयी, लेकिन पैसे वापस नहीं मिले हैं, जिसके कारण उन लोगों को बहुत समस्या हो रही है.
सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मार्कडेंय काट्जू ने पिछले दिनों ट्विट कर जमशेदपुर में 250 कश्मीरियों के फंसे होने के मामले को सामने लाया था, जिसके बाद ट्वीट के माध्यम से झारखंड पुलिस को इसकी जानकारी दी गयी थी तथा आवश्यक मदद करने की अपील की गयी थी. झारखंड पुलिस द्वारा एसएसपी को मदद के लिए कहा गया था. इसके बाद प्रशासन की टीम कश्मीरियों के पास पहुंची थी तथा खाने की व्यवस्था के संबंध में जानकारी ली थी. कश्मीरियों ने जमशेदपुर की गर्मी के कारण यहां रहने में परेशानी होने की बात कहते हुए घर भेजने की गुहार लगायी थी. इसके बाद धातकीडीह में रह रहे कुछ कश्मीरी बिष्टुपुर थाना पहुंचे.