इको सेंसेटिव जोन : ‘जान दे देंगे, लेकिन जमीन नहीं देंगे’

नीमडीह: चांडिल, नीमडीह, पटमदा व बोड़ाम प्रखंड के 85 गांवों को इको सेंसेटिव जोन घोषित करने के विरोध में सोमवार 29 गांव के लोगों ने दिलीप महतो की अध्यक्षता बैठक की. चांडिल प्रखंड अंतर्गत शहरबेड़ा गांव के टोला टुइलुंग फुटबॉल मैदान में हुई बैठक में लोगों ने एक स्वर में कहा कि ‘जान देंगे, लेकिन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2014 7:26 AM

नीमडीह: चांडिल, नीमडीह, पटमदा व बोड़ाम प्रखंड के 85 गांवों को इको सेंसेटिव जोन घोषित करने के विरोध में सोमवार 29 गांव के लोगों ने दिलीप महतो की अध्यक्षता बैठक की. चांडिल प्रखंड अंतर्गत शहरबेड़ा गांव के टोला टुइलुंग फुटबॉल मैदान में हुई बैठक में लोगों ने एक स्वर में कहा कि ‘जान देंगे, लेकिन जमीन नहीं देंगे’.

इस अवसर पर दिलीप महतो ने कहा कि सरकार ने ग्रामीणों को बेघर करने की साजिश रची है. इसे हम किसी कीमत पर सफल होने नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय उच्च पथ 33 इको सेंसेटिव जोन के दायरे में आता है. सरकार पहले इस सड़क का स्थानांतरण करे, उसके बाद इको सेसेंटिव जोन बनाये. वहीं, मान सिंह मार्डी ने कहा कि सरकार की इस नीति को यहां के आदिवासी-मूलवासी सहन नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि जल, जंगल व जमीन हमारी है, फिर सरकार हमें विस्थापित करने की गलत योजना क्यों बना रही है.

सरकार की इस नीति का हम जोरदार विरोध करेंगे. कृपाकर महतो ने कहा कि 85 गांव के लाखों लोगों के बेघर करने की साजिश के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन किया जायेगा. इस दौरान 29 गांवों के लोगो ने एक स्वर में हुंकार भरी कि ‘जान देंगे लेकिन जमीन नहीं देंगे’. वहीं निर्णय लिया गया कि इस संबंध में आगामी बैठक पांच जनवरी को 11 बजे टुइलुंग फुटबॉल मैदान में होगी. इस दौरान आंदोलन के लिए समिति का गठन किया जायेगा. इस अवसर पर मुख्य रूप से जगदीश महतो, बासु प्रमाणिक, नरसिंह सरदार, गणोश बेसरा, युधिष्ठिर सिंह, आनंद सिंह आदि उपस्थित थे.

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