प्रेम मंे सहज बंध जाते हैं भगवान : बृजनंदन जी
(फोटो मनमोहन की होगी)वसुंधरा एस्टेट में श्रीमद्भागवत कथाजमशेदपुर : श्रीकृष्ण के सामने शून्य हो जायें, तो हमें जीरो से हीरो बना देगा. शून्य ही तो ईश्वर की उपलब्धि है. उक्त बातें मानगो वसुंधरा एस्टेट में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दौरान बृजनंदन जी महाराज ने कहीं. उन्होंने कहा कि कन्हैया का काम तरसाने का है, जबकि […]
(फोटो मनमोहन की होगी)वसुंधरा एस्टेट में श्रीमद्भागवत कथाजमशेदपुर : श्रीकृष्ण के सामने शून्य हो जायें, तो हमें जीरो से हीरो बना देगा. शून्य ही तो ईश्वर की उपलब्धि है. उक्त बातें मानगो वसुंधरा एस्टेट में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दौरान बृजनंदन जी महाराज ने कहीं. उन्होंने कहा कि कन्हैया का काम तरसाने का है, जबकि राधा रानी का काम बरसाने का है. उन्होंने कहा कि मंदिरों में स्थापित मूर्तियों में साक्षात भगवान का वास होता है, उसे मानना न मानना व्यक्ति पर निर्भर है. भक्ति की शक्ति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि शबरी की भक्ति ही थी कि साक्षात भगवान उनकी कुटिया में पधारे तथा जूठे बेर भी खाये. उन्होंने कहा कि सिर्फ श्रद्धावान व्यक्ति ही ईश्वर को पा सकता है. वे कहते हैं कि उन्हें बांधने के लिए साधन की नहीं, प्रेम की रस्सी चाहिए, जिसमें वे स्वयं बंध जाते हैं. आज की कथा में भारी संख्या में लोग उपस्थित हुए.