समाज में भेदभाव खत्म करना जरूरी : पदमश्री निर्मल सिंह खालसा (पढ़ी हुई है) (31 पदमश्री निर्मल सिंह खालसा )

संजीव भारद्वाज, जमशेदपुरपदमश्री निर्मल सिंह खालसा ने कहा कि गुरुओं के मार्ग पर चलकर ही समाज में भेदभाव खत्म हो सकता है. गुरुओं ने एक पंगत व्यवस्था इसलिए लागू किया था. दुनिया में शांति और भाईचारा का संदेश देनेवाले श्री गुरुनानक देवजी महाराज के बताये हुए मार्ग पर चलना शुरू कर दें, तो देश फिर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 31, 2014 11:04 PM

संजीव भारद्वाज, जमशेदपुरपदमश्री निर्मल सिंह खालसा ने कहा कि गुरुओं के मार्ग पर चलकर ही समाज में भेदभाव खत्म हो सकता है. गुरुओं ने एक पंगत व्यवस्था इसलिए लागू किया था. दुनिया में शांति और भाईचारा का संदेश देनेवाले श्री गुरुनानक देवजी महाराज के बताये हुए मार्ग पर चलना शुरू कर दें, तो देश फिर से सोने की चिडि़या हो जायेगा. उक्त बातें पदमश्री निर्मल सिंह ने प्रभात खबर से बातचीत करते हुए कहीं. वे साकची स्थित गुरु नानक सेवा दल की ओर से आयोजित कीर्तन दरबार में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं. निर्मल सिंह देश के पहले और इकलौते हजुरी रागी हैं, जिन्हंे देश का तीसरा सबसे बड़ा सम्मान प्राप्त हुआ है. शहीद सिख मिशनरी कॉलेज से डिप्लोमा करने के बाद वे 1979 में श्री दरबार साहिब अमृतसर में हजुरी रागी के रूप में पहचाने जाने लगे. देश के विभिन्न हिस्सों सहित विदेशों में 65 से अधिक धार्मिक समागम करनेवाले निर्मल सिंह ने कहा कि जात-पात को छोड़कर सभी को मानवता की सेवा में खुद को ढाल लेना चाहिए. उनका मानना है कि राजनीतिक और धार्मिक कार्य पूरी तरह से अलग-अलग होना चाहिए. इनमें घालमेल होगा, तो विवाद स्वत: खड़ा होता दिखायी पड़ेगा. परिचयपदमश्री निर्मल सिंह खालसाहजुरी रागी श्री दरबार साहिबजन्म : 1952 फिरोजपुर पंजाबशिक्षा : गुरमत संगीत में डिप्लोमा शहीद सिख मिशनरी कॉलेज, अमृतसर1979 में श्री दरबार साहिब से जुड़ेसम्मान: 2009 में देश का तीसरा सबसे बड़ा सम्मान पदमश्री से नवाजे जानेवाले इकलौते हजुरी रागीयात्रा : 65 देशों में धार्मिक समागम

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